2017-05-31 16:29:00

भारतीय वकील द्वारा रोहिंग्या कार्रवाई में जांच दल का नेतृत्व


वाटिकन रेडियो, बुधवार, 31 मई 2017 (वीआर सेदोक) : रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ म्यांमार के सुरक्षा बलों द्वारा कथित अत्याचारों की जांच करने हेतु संयुक्त राष्ट्र ने भारतीय महिला वकील की अध्यक्षता में तीन सदस्यों के एक दल को नामित किया है।

मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एल साल्वादोर के राजदूत जोआकिन अलेक्जान्डर माज़ा मारतेल्ली ने मंगलवार को भारतीय सर्वोच न्यायालय के वकील इन्द्रा जयसिंग को जाँच दल का मुखिया नियुक्त किया। दल में श्रीलंका के वकील राधिका कुमारस्वामी और ऑस्ट्रेलियाई अधिकार सलाहकार क्रिस्टोफ़र डोमिनिक सिडोटी हैं।

म्यांमार में, विशेषकर राखीन राज्य में सेना और सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन के तथ्यों और परिस्थितियों को स्थापित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद ने 24 मार्च को तत्काल एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय तथ्य-खोज मिशन को प्रेषित करने का निर्णय लिया।

गत अक्टूबर रोहिंग्या विद्रोहियों द्वारा मौंगडोव सीमा पर नौ पुलिस अधिकारी मारे गए थे इसी के प्रत्युत्तर में म्यांमार सेना द्वारा बड़े पैमाने पर सुरक्षा अभियान चलाए जाने के बाद करीब 75,000 रोहिंगिया उत्तर पश्चिमी राखीन राज्य से बांग्लादेश भाग गए थे। एयूएन के साथ साक्षात्कार में रोहिंग्या प्रवासियों ने बताया कि म्यांमार सुरक्षा सेना ने बड़े पैमाने पर हत्या और रोहिंग्या महिलाओं पर सामूहिक बलात्कार किया है। उन्होंने रोहिंग्या लोगों के अपने देश से समाप्त करने का अभियान चलाया है और यह मानवता के विरुद्ध अपराध है।

म्यांमार ने संयुक्त राष्ट्र जांच का विरोध किया है

म्यांमार राजनयिकों ने इस कदम को अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय परिस्थितियों को देखते हुए यह "स्वीकार्य नहीं है।" उन्होंने अपने राष्ट्रीय जांच को समाप्त करने और निष्कर्षों तक पहुँचने तक का समय पूछा है।

तथ्य-खोज मिशन के सदस्य आने वाले हफ्तों में जिनेवा में योजना बनाने के लिए जमा हो रहे हैं जिससे कि आगे के महीनों में काम शुरु करने की उम्मीद है। तथ्य-खोज मिशन इस साल सितंबर महीने में मानवाधिकार परिषद के छत्तीसवें सत्र में एक मौखिक रिपोर्ट तथा मार्च 2018 में परिषद के सैंतीसवें सत्र में जाँच का पूरा रिपोर्ट पेश करेगी।








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