2017-05-11 15:44:00

भ्रष्टाचार लोगों के दैनिक जीवन को नष्ट कर देता है


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 11 मई 2017 (वीआर सेदोक): भ्रष्टाचार एक कैंसर के समान है जो लातिनी अमरीका में लोगों के दैनिक जीवन को नष्ट कर देता है। यह बात संत पापा ने लातीनी अमरीका के धर्माध्यक्षों को एक पत्र प्रेषित कर कही।

सम्मेलन की शुरूआत पर लातीनी अमरीका के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (चेलम) को प्रेषित अपने एक पत्र में संत पापा फ्राँसिस ने भ्रष्टाचार की निंदा करते हुए कहा कि यह एक गंभीर पाप है जो आज हमारे महाद्वीप पर हमला कर रहा है।

एल सलवाडोर में एकत्रित धर्माध्यक्षों को जोर देकर संत पापा ने कहा कि वे लोगों के करीब रहें, विशेषकर, जो सुदूर गाँवों में रहते हैं तथा उनकी आशा को नवीकृत करें।

संत पापा ने पत्र में लिखा, ″भ्रष्टाचार लोगों को अत्यन्त गरीबी में डालकर, उनका जीवन उजाड़ देता है। भ्रष्टाचार ही है जो समस्त जनता को पराधीनता के शिकार बना कर उन्हें नष्ट कर देता है। यह उस कैंसर के समान है जो हमारे लोगों के दैनिक जीवन को खा जाता है।”

संत पापा ने अपने संदेश में ब्राजील की संरक्षिका अपारेचिदा की माता मरियम की कहानी को प्रस्तुत किया। इस प्रतिमा की स्थापना तीन गरीब मछुवारों द्वारा 300 सालों पहले हुई थीं जिन्होंने चमत्कारिक रूप से मछलियाँ पकड़ी थीं तथा माता मरियम की मध्यस्थता द्वारा प्रार्थना करते हुए उनके प्रति विश्वास में दृढ़ हुए थे।

कहानी की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए संत पापा ने कहा कि यह कहानी हमें माता मरियम के सहचर्या को दर्शाता है कि वे किस तरह अपने बच्चों के प्रति ध्यान रखते हैं। अपारेचिदा की इस कहानी में हम उनके साथ कीचड़ भरी नदी में मुलाकात करते हैं। जहाँ वे अपने बच्चों का इंतजार कर रही थीं और वहाँ वे अपने बच्चों के संघर्ष एवं प्रयासों में उनके बीच उपस्थित थीं।

उन्होंने आगे चिंतन करते हुए कहा कि मरियम के साथ मुलाकात में मछुवारों के जाल मछलियों से भर गये थे जिसने उनका जीवन भर दिया तथा उन्हें एक निश्चितता प्रदान की कि उनके संघर्ष में वे अकेले नहीं हैं। उसी तरह संत पापा ने कहा कि विश्वासी समुदाय अपने जीवन पर गौर करें जहाँ माता मरियम उपस्थित हैं तथा प्रोत्साहन दे रहे हैं कि वे आशा न खोयें।

संत पापा ने कहा कि अपारेचिदा की माता समाधान नहीं लाती किन्तु कुँजी, उपाय तथा जीवन की निश्चितता प्रदान करती है सबसे बढ़कर, बेकार की चीजों से दूर रहने तथा मूल एवं महत्वपूर्ण बातों की ओर लौटने की अभिलाषा देती है। उस मनोभाव की ओर जिसने आरम्भिक कलीसिया में विश्वास का बीज बोया तथा हमारी धरती को आशा की भूमि बनाया। सारी समस्याओं के बीच भी अपारेचिदा की माता मरियम हमें आशा में नवीकृत होने का संदेश देती है।

सम्मेलन का शीर्षक है, ″गरीबों के लिए गरीब कलीसिया,″ जो 13 मई तक जारी रहेगा जिसमें लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के कुल 21 धर्माध्यक्ष भाग ले रहे हैं। 








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