2017-05-11 16:06:00

बेनेजुएला की स्थिति के अध्ययन हेतु चेलम ने एक समिति का गठन किया


एल सलवाडोर, बृहस्पतिवार, 11 मई 2017 (फिदेस): लैटिन अमरीका के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ‘चेलम’ की 36वीं आम सभा ने बेनेजुएला की स्थिति का अध्ययन करने हेतु एक समिति का गठन किया है।

मोर्लिया के सहायक धर्माध्यक्ष तथा लैटिन अमरीकी धर्माध्यक्षों के महासचिव धर्माध्यक्ष जुवान एसपीनोत्सा ने घोषित किया कि समिति वेनेजुएला में मानवाधिकारों की गिरावट के बारे में एक बयान देगी।

फिदेस को मिली जानकारी के अनुसार धर्माध्यक्ष एसपीनोत्सा ने यह भी बतलाया कि देश की स्थिति का अध्ययन करने हेतु एक खास समिति की रचना की गयी है।

समिति का गठन दक्षिण अमरीकी देशों की गंभीर स्थिति से प्रेरित होकर की गयी है जहां विपक्षी प्रदर्शनकारियों के दमन में करीब चालीस लोगों की मौत हुई है तथा प्रदर्शनकारियों ने वेनेजुएला के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन से, राज्य बल की ओर से जारी हिंसा का अंत करने के लिए कलीसिया के हस्तक्षेप की मांग की थी।

समिति की अध्यक्षता मनागुवा के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल लेओपोल्द ब्रेनेस करेंगे। उनके साथ कुमाना के धर्माध्यक्ष दियेगो रफाएल पाद्रोन, मेडलिन के सहायक धर्माध्यक्ष एलकिन फेरनानदो अलवारेज, असूनसोन के महाधर्माध्यक्ष एडमंड वालेनजुवेला तथा चेलम के न्याय एवं एकात्मता विभाग के एलवे मोंज़ात समिति के सदस्य होंगे।

चेलम की 36वीं आम सभा 9 से 12 मई को एल सलवाडोर में हो रही है। आम सभा के आरम्भ में संत पापा द्वारा प्रेषित संदेश को पढ़कर सुनाया गया। जिसमें उन्होंने सभा के प्रतिभागियों को लोगों के प्रति उनके समर्पण हेतु प्रोत्साहन दिया है कि वे अपारेचिदा की माता मरियम को आदर्श मानते हुए अमरीका की मिशनरी कलीसियाओं की ओर जाएँ। अपारेचिदा की माता मरियम की प्रतिमा की स्थापना का यह 300वाँ साल है। 








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