2017-05-08 16:07:00

स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व दिया गया संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, सोमवार, 8 मई 2017 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने भले चरवाहे को समर्पित रविवार 7 मई को, संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में विश्वासियों के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया। प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, ″अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।″  

″भले चरवाहे″ को समर्पित इस रविवार के सुसमाचार पाठ में (यो.10,1-10), येसु अपने आप को दो प्रतीकों के द्वारा प्रस्तुत करते हैं जो एक-दूसरे के पूरक हैं। वे एक चरवाहा एवं एक भेड़शाला के द्वार के रूप में अपने को प्रकट करते हैं। हम सभी झुण्ड के समान हैं जो उस भेड़शाला में निवास करते हैं जो सुरक्षित है जहाँ भेड़ यात्रा की थकान के बाद शरण लेते एवं विश्राम प्राप्त करते हैं। उस भेड़शाला में घेरे के साथ द्वार भी है और जिसके द्वार पर एक पहरेदार है। झुण्ड के पास बहुत सारे लोग आते हैं। भेड़शाला में द्वार से प्रवेश करने के अलावा एक दूसरा विकल्प भी है जहाँ से लोग आ जा सकते हैं। (पद.1) जो द्वार से होकर प्रवेश करता है वह गड़ेरिया है जबकि दूसरी ओर से प्रवेश करने वाला अजनबी। अजनबी भेड़ों को प्यार नहीं करता किन्तु दूसरी मकसद से उसमें प्रवेश करता है। येसु अपना परिचय एक चरवाहे के रूप में देते हैं तथा भेड़ों के साथ आपसी संबंध को स्पष्ट करते हैं जो उन्हें उनकी आवाज से पहचानती है। येसु उन्हें नाम लेकर पुकारते, उन्हें पहचानते एवं बदले में वे भी उनका अनुसरण करती हैं। (पद.3) वे उन्होंने उस चरागाह की ओर ले जाते हैं जहाँ वे पूर्ण तृप्ति पा सकें।

संत पापा ने दूसरे प्रतीक पर प्रकाश डालते हुए कहा, ″दूसरा प्रतीक जिसके द्वारा येसु अपने आपको प्रस्तुत करते हैं, वह है ″भेड़शाला का द्वार।″ (पद.7). वे कहते हैं, ″भेड़शाला का द्वार मैं हूँ। यदि कोई मुझ से होकर प्रवेश करेगा, तो उसे मुक्ति प्राप्त होगी।″ (पद. 9), अर्थात् उसे जीवन मिलेगा बल्कि उसे परिपूर्ण जीवन प्राप्त होगा। (पद.10). संत पापा ने कहा कि ख्रीस्त मानव जाति के लिए मुक्ति के द्वार बन गये हैं क्योंकि उन्होंने अपनी भेड़ों के लिए अपना जीवन अर्पित किया है।

येसु जो भले चरवाहे एवं भेड़शाला के द्वार हैं वे एक नेता हैं जिनका अधिकार सेवा में प्रकट होता है जो अपना जीवन न्योछावर करता तथा बदले में कोई दूसरे बलिदान की मांग नहीं करता। वे एक ऐसे नेता हैं जिनपर उसी तरह भरोसा किया जा सकता है जिस तरह एक भेड़ अपने चरवाहे की आवाज सुनकर उसे पहचान लेता है क्योंकि वह जानता है कि उसके साथ वह अच्छे एवं हरे-भरे चरागाह को प्राप्त कर सकता है। एक संकेत और एक चिन्ह मात्र से वह उनका अनुसरण करता, उनकी आज्ञा मानता तथा उनकी आवाज से प्रेरित होता है। वह एक मित्र की तरह उनके मधुर संबंध का एहसास करते हुए उनके पुकारे जाने, रक्षा किये जाने, सहानुभूति एवं सेवा किये जाने का अनुभव करता है।

संत पापा ने कहा कि ख्रीस्त हमारे लिए उसी गड़ेरिये की तरह हैं। ख्रीस्तीय अनुभव का यह एक आयाम है जिसे हम प्रायः अंधेरे में छोड़ देते हैं, आध्यात्मिक एवं भावनात्मक आयाम। प्रभु के साथ एक विशेष संबंध द्वारा उसी तरह संयुक्त हैं जिस तरह भेड़ अपने चरवाहे से जुड़ा होता है। कई बार हम विश्वास पर बहुत अधिक तर्क-वितर्क कर, भले चरवाहे येसु की आवाज जो हमें उद्दीप्त एवं आकर्षित करती है उस अनुभूति को खो देते हैं, जैसा कि एम्माउस के दो शिष्यों के साथ हुआ था। जब वे रास्ते पर पुनर्जीवित येसु से बातें कर रहे थे तब उनका हृदय उद्दीप्त हो रहा था। यह येसु द्वारा प्यार किये जाने का अनूठा एहसास था। संत पापा ने कहा हम अपने आप से पूछें, ″क्या मैं येसु से प्रेम किये जाने का एहसास करता हूँ? उनके लिए हम कभी अंजान नहीं हो सकते बल्कि हम उनके मित्र और भाई हैं।″ फिर भी बहुधा भले चरवाहे की आवाज का अंतर पहचानना आसान नहीं होता। संत पापा ने कहा, ″हम सावधान रहें क्योंकि चोर, लुटेरे एवं झूठे चरवाहे का भय हमेशा बना रहता है। निराशा की कई प्रकार की आवाजों द्वारा भटकाए जाने का डर हमेशा रहता है। आज हम विचलित नहीं होने के लिए निमंत्रित किये जाते हैं। दुनिया की झूठी प्रज्ञा से हम विक्षिप्त न हों किन्तु पुनर्जीवित येसु का अनुसरण करें जो एकमात्र सच्चे मार्गदर्शक हैं और हमारे जीवन को सच्चा अर्थ प्रदान कर सकते हैं।

संत पापा ने बुलाहट हेतु विश्व प्रार्थना दिवस का स्मरण दिलाते हुए कहा, ″बुलाहट के लिए विश्व प्रार्थना दिवस के अवसर पर, विशेषकर, पुरोहितों के लिए प्रार्थना करें ताकि प्रभु हमारे लिए भले चरवाहों को प्रदान करे। हम धन्य कुंवारी मरियम की मध्यस्थता द्वारा याचना करें कि वे इन दस नये पुरोहितों को साथ दें जिनको मैंने कुछ ही समय पहले अभिषिक्त किया है। मैंने रोम धर्मप्रांत के चार नये पुरोहितों से आग्रह किया है कि वे मेरे साथ आशीष प्रदान करें। माता मरियम इन चुने हुओं को अपनी सहायता दे ताकि वे प्रभु की आवाज सुनने में तत्पर एवं उदार हो सकें।   

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।

स्वर्ग की रानी प्रार्थना के उपरांत सूचना देते हुए संत पापा ने कहा, ″कल स्पेन के जेरोना में अंतोनियो अर्रिबास होरटीग्वेला तथा उनके छः साथियों को धन्य घोषित किया गया जो पवित्र हृदय के मिशनरी धर्मसमाज के सदस्य थे। येसु के ये विश्वस्त एवं वीर शिष्य, धर्म के नाम पर हो रहे अत्याचार के समय मार डाले गये थे। ईश्वर के प्रति प्रेम के कारण उनकी शहादत एवं बुलाहट के प्रति निष्ठा को स्वीकार किया गया है तथा उदारता के सुसमाचार का दृढ़ साक्ष्य देने की अभिलाषा से उन्हें कलीसिया में सम्मानित किया गया है।

संत पापा ने रोम तथा विश्व के विभिन्न हिस्सों से आये तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हुए कहा, मैं रोम एवं तीर्थयात्रा हेतु विभिन्न हिस्सों से आये विश्वासियों का अभिवादन करता हूँ। ″विशेषकर, वारसाव, अलेन (जर्मनी), लिबेनाव (ऑस्ट्रिया), चेन्नाई (भारत) तथा टेक्सास, साथ ही साथ उत्तरी निदरलैंड के कोरदेरियस कॉलेज के शिक्षक एवं विद्यार्थियों का अभिवादन करता हूँ।″

संत पापा ने ″मेतर″ संगठन का अभिवादन किया जो 20 से भी अधिक सालों से बाल शोषण के हर प्रकार का विरोध करता आ रहा है। उन्होंने कलीसिया एवं समाज के प्रति उनके समर्पण के लिए धन्यवाद दिया तथा प्रोत्साहन दिया कि वे इस कार्य में आगे बढ़ें।

संत पापा ने राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने वाले सुरक्षा बलों, पुलिस यूनियन के प्रतिनिधियों, पोमेत्सिया तथा पलेस्त्रीना के विश्वासियों का अभिवादन किया।

संत पापा ने पोम्पेई रोजरी की माता मरियम की याद कर कहा, ″कल हम पोम्पेई की रोजरी की माता मरियम से प्रार्थना करेंगे।″ उन्होंने रोजरी प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए कहा कि मई के इस महीने में हम रोजरी प्रार्थना करें, विशेषकर, शांति के लिए। हम माता मरियम की मध्यस्थता द्वारा शांति हेतु प्रार्थना करें जैसा कि उन्होंने कहा है।

संत पापा ने फातिमा में अपनी तीर्थयात्रा का भी स्मरण दिलाया। अंत में उन्होंने प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।








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