2017-05-02 16:37:00

मेक्सिको की सुन्दरी ने लिया धर्मबहन बनने का निर्णय


मेक्सिको सिटी, मंगलवार, 2 मई 2017 (वीआर सेदोक): मेक्सिको की सुन्दरी, एस्मेराल्दा सोलिस गोंजालेस ने सुन्दरी का खिताब जीतने के एक साल बाद जब एक काथलिक धर्मसमाज में प्रवेश किया जो बहुतों को आश्चर्यचकित कर दिया।

20 वर्षीय मिस मेक्सिको ने हाल ही में पवित्र संस्कार की गरीब क्लारा मिशनरीस धर्मसमाज में प्रवेश कर अभ्‍यर्थी अवस्था में दाखिला लिया है। अप्रील माह में फेसबुक पर पोस्ट उनका वह फोटो वायरल हो गया। 

पवित्र संस्कार की गरीब क्लारा मिशनरीस धर्मसमाज कई देशों सहित भारत में भी कार्यरत है।

एस्मेरालडा का जन्म 12 अप्रैल 1997 को जालिस्को के एक काथलिक परिवार में हुआ था। वे इस समय मोरेलोस स्थित कॉन्वेंट में रखी गयी हैं।

एस्मेरालडा ने काथलिक न्यूज़ एजेंसी से कहा, ″आप तब तक धर्मसमाजी जीवन के बारे नहीं जान सकते हैं जब तक कि आप इसमें शामिल न हों। जहाँ तक संभव था मैंने इसे दूसरे परिपेक्ष से देख पाया कि दुनिया क्या है तथा यह क्या प्रदान करती है।″ उन्होंने कहा कि मेरे पास जो था उसे मैं बहुत खुश थी किन्तु ईश्वर ने मेरे हृदय में अभी जो खुशी डाल दी है उससे उसकी तुलना नहीं की जा सकती।

युवा अभ्यर्थी का गरीब क्लारा मिशनरी धर्मबहनों के साथ मुलाकात करीब 5 सालों पहले हुई थी जब उसने 14 साल की उम्र में एक बुलाहट शिविर में भाग लिया था।

उन्होंने बतलाया कि किस तरह उन्होंने आत्म परख के निष्कर्ष पर पहुँचने के एक माह बाद ही 2017 के मार्च महीने में पहली बार हाँ कहा। उन्होंने अपना अनुभव बतलाते हुए कहा कि ईश्वर का समय निश्चित है। आत्मपरख की इस अवधि में उन्हें कई महत्वपूर्ण अवसरों से होकर गुजरने का मौका मिला। बुलाहट की पहचान का एहसास हमेशा एक छोटे कांटे की तरह उसके साथ रहा।  

उन्होंने कहा, ″मैंने एहसास किया कि मुझे मेरे जीवन में एक स्थान बनाने की आवश्यकता थी ताकि मैं ईश्वर की योजना को पहचान सकूँ। आत्मपरख की अवधि में मुझे डर और संदेह का भी अनुभव हुआ किन्तु प्रभु का प्रेम जो वे मुझे प्रतिदिन प्रदान करते थे उसने मुझे निरुत्साह होने की हर संभावना से बचाया।″ उन्होंने बतलाया कि उन्हें एहसास हुआ कि ईश्वर बुला रहे हैं, पूर्ण रूप से उनकी सेवा करने के लिए जिसके लिए उन्हें अपनी जीवन शैली में परिवर्तन कर, ख्रीस्त के क्रूस को अपनाना एवं उनके अधिक निकट में जीना होगा। उन्होंने कहा, ″मैं बहुत कम समय धर्मसमाजी जीवन में बितायी हूँ किन्तु मैं सचमुच बहुत खुश हूँ।″  

अपनी बुलाहट को खोजने हेतु एस्मेराल्डा ने बहुत अधिक समय प्रार्थना एवं उदार कार्यों में बिताया दुनिया या बाहर से जानकारी प्राप्त करते हुए कि इस रास्ते को अपनाने से किस प्रकार के परिवर्तन से होकर गुजरना पड़ेगा, वे आगे बढ़ीं।

उन्होंने बतलाया कि परिवार के लिए इस परिवर्तन को स्वीकार करना कठिन था किन्तु माता-पिता, भाई-बहन एवं सच्चे मित्रों ने हमेशा उसको प्रोत्साहन दिया। उन्होंने युवाओं से कहा कि यदि वे किसी कठिनाई का अनुभव करते हों तो वे ईश्वर का हाथ थामें और वे निश्चय ही अगला कदम बढ़ा पायेंगे।








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