2017-04-27 16:42:00

काथलिक एक्शन के अंतरराष्ट्रीय कॉन्ग्रेस को संत पापा का सम्बोधन


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 27 अप्रैल 2017 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 27 अप्रैल को वाटिकन के सिनॉड हॉल में काथलिक एक्शन के अंतरराष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के प्रतिभागियों से मुलाकात की।

काथलिक एक्शन के अंतरराष्ट्रीय कॉन्ग्रेस की विषयवस्तु थी, ″काथलिक एक्शन की प्रेरिताई में सभी के साथ सभी के लिए।″

संत पापा ने 300 प्रतिभागियों को सम्बोधित कर काथलिक एक्शन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए उसके मिशन का स्मरण दिलाया। काथलिक एक्शन की स्थापना संत पापा के प्रेरितिक पत्र एवनजेली गौदियुम के प्रकाश में की गयी है।

संत पापा ने इसके इतिहास पर दृष्टि डालते हुए कहा कि यह उन लोकधर्मियों के प्रशिक्षण हेतु स्थापित की गयी थी जो विश्व में जिम्मेदार व्यक्ति हैं जो आज ठोस रूप में मिशनरी शिष्यों का प्रशिक्षण है। काथलिक एक्शन की विशिष्टता ही काथलिक कलीसिया की भी विशिष्टता है।  

काथलिक कलीसिया की परम्परागत चार आधारस्तंभ हैं- प्रार्थना, प्रशिक्षण, त्याग-तपस्या तथा प्रेरिताई।

प्रार्थना के द्वारा लोगों की आवश्यकता को समझना तथा उनके दुःख और सुख में सहभागी होना है।

त्याग का अर्थ है दूसरों की भलाई हेतु उदारता पूर्वक त्याग करना। अपना समय देना तथा यह सोचना कि दूसरे किस तरह बढ़ सकते हैं। अपने पास जो है उसमें से ही दूसरों को बांटना। 

काथलिक एक्शन का अगला आधारस्तंभ है कलीसिया के मेषपालीय कार्य को आगे ले जाने में सहयोग देना। धर्मप्रांतीय कलीसिया को एक प्रौढ़ लोकधर्मी प्रदान करना जो प्रेरितिक परियोजनाओं को प्रदान करने के लिए उत्सुक हो।

संत पापा ने कहा कि काथलिक एक्शन के सभी सदस्य मिशनरी हैं हरेक सुसमाचार के प्रचार हेतु बुलाये गये हैं। एक मिशनरी का विश्वास के आनन्द को जीने से बढ़कर कोई दूसरा अच्छा उदाहरण नहीं है।

संत पापा ने मिशन हेतु सच्चा उदाहरण येसु एवं उनके शिष्यों को बतलाया। येसु अपने शिष्यों को बिना कुछ लिए अपने पास जो था उसी के साथ जाने का आदेश देते हैं। उन्होंने मिशन में मार्गदर्शन हेतु पवित्र आत्मा से सहायता मांगने की सलाह दी। 








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