2017-04-26 16:21:00

हम एक साथ भविष्य का निर्माण करते हैं, संत पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, बुधवार, 26 अप्रैल 2017 (वीआर सेदोक) : संत पापा फ्राँसिस ने कनाडा के वैंकूवर में चल रहे वैज्ञानिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्था के वार्षिक सम्मेलन के प्रतिभागियों को संदेश दिया।  

टीईडी (प्रौद्योगिकी, मनोरंजन और डिजाइन) एक गैर-लाभकारी संस्था है जो छोटे वार्ता के रूप में विचारों को फैलाने के लिए समर्पित है। सन् 1984 में प्रौद्योगिकी, मनोरंजन और डिजाइन (टीईडी) पर विचार करने के रूप में शुरू हुआ और आज विभिन्न वक्ताओं की एक विस्तृत श्रृंखला से वार्ता प्रदान करता है। इस सम्मेलन में संदेश देने वाले पहले परमाध्यक्ष संत पापा फ्राँसिस हैं।

संत पापा फ्राँसिस को स्क्रीन में देखकर टेनिस सुपरस्टार सेरेना विलियम्स, उद्यमी एलोन मस्क, शतरंज चैंपियन गैरी कास्पारोव के साथ अन्य प्रतिभागी आश्चर्यचकित हुए। संत पापा ने 18 मिनट तक "आप भविष्य हैं" विषय पर संदेश दिया।

संत पापा ने कहा, "आप भविष्य हैं" मुझे यह विषय पसंद है क्योंकि कल को देखते हुए, यह आज हमें एक वार्ता खोलने के लिए आमंत्रित करता है, 'आप' के माध्यम से हम भविष्य को देख सकते हैं... भविष्य आपसे बना है क्योंकि जीवन दूसरों के साथ हमारे संबंधों के माध्यम से आगे बढ़ता है।"

अपने सामान्य और अनौपचारिक शैली में बोलते हुए संत पापा ने याद दिलाया कि कैसे सभी वस्तुएँ एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई हैं और कैसे हम एक दूसरे के जीवन को प्रभावित करते हैं। संत पापा ने कहा, ″हममें से कोई भी स्वायत्त और स्वतंत्र नहीं है। हम सभी के साथ मिलकर ही भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।"

संत पापा के संदेश के दूसरा मुद्दा था, "कचरे की संस्कृति" को दूर करने के लिए "एक सच्ची एकता हेतु लोगों को शिक्षित करना," जो लोगों की बजाय आर्थिक-तकनीकी प्रणाली पर केंद्रित है। हमें व्यक्तियों पर ध्यान केंद्रित करनी चाहिए।''

संत पापा ने आशा पर बात करते समय संत मदर तेरेसा और भले समारी का उदाहरण दिया। जिसे उन्होंने "एक विनम्र, छिपे हुए बीज के रूप में वर्णित किया, जो समय के साथ एक बड़े पेड़ में विकसित होता है।" आशा के अस्तित्व के लिए एक एकल व्यक्ति भी पर्याप्त है।

संत पापा फ्राँसिस ने तीसरे और अंतिम संदेश में "कोमलता की क्रांति" के बारे में कहा। कोमलता का मतलब है "दूसरे के समान स्तर पर होना।" उन्होंने कहा,″ यह कमजोरी नहीं, लेकिन ताकत है।" यह एकता तथा नम्रता का मार्ग है।"... और नम्रता के माध्यम से, यहां तक कि शक्ति भी एक सेवा बन जाती है और अच्छे कार्यों को करने की शक्ति देती है।

संत पापा ने इस बात की पुष्टि करते हुए अपना संदेश समाप्त किया कि मानव जाति का भविष्य राजनेताओं या बड़ी कंपनियों के हाथों में नहीं है परंतु हम सभी के हाथों में है जो ‘दूसरों’ को 'आप' और ‘खुद’ को 'हम' के हिस्से के रूप में पहचानते हैं।"  क्योंकि ″हम सभी को एक दूसरे की जरुरत है।″  








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