2017-03-30 15:40:00

चालीसा जुलूस में सैकड़ों गैरकाथलिक युवा होंगे शामिल


काठमाण्डु, बृहस्पतिवार, 30 मार्च 2017 (एशियान्यूज़): काठमाण्डु के ललितपुर जिले में 1अप्रील को चालीसे काल के अवसर पर आयोजित एक जुलूस में सैकड़ों गैर-काथलिक युवा भाग लेंगे। जुलूस की शुरूआत 8 बजे प्रातः लामिदाननंदा से होगी तथा इसका समापन लाकुर भानजयांग में ख्रीस्तयाग से किया जाएगा।

30 सालों से नेपाल में सेवारत जेस्विट फादर बिल रोबिनसन ने एशियान्यूज़ से कहा, ″कई लोगों ने गैरकाथलिक के रूप में अपना नाम दर्ज किया है किन्तु जब हम उनके घरों का दौरा करते हैं तो पाते हैं कि उन्होंने अपने घरों में येसु एवं माता मरियम की तस्वीर को सजाया है।″ उन्होंने कहा कि वे बाईबिल पढ़ते हैं और अपने गले में रोजरी पहनते हैं। यद्यपि वे काथलिक का जीवन जीते हैं किन्तु अपने को काथलिक घोषित नहीं करते, शायद हिन्दूधर्म के भय से जिसको देश के धर्मनिरपेक्ष घोषित किये जाने के पूर्व वे मानते थे।  

दार्जलिंग के धर्माध्यक्ष स्तेफन लेपचा ने कहा, ″नेपाल एक सुन्दर देश है तथा कई पुरोहितों एवं धर्मबहनों को तैयार करती है जो पूरे विश्व में सुसमाचार का प्रचार करते हैं। यही कारण है कि नेपाल के काथलिक न केवल ईश्वर पर अपने विश्वास को नवीकृत करते, वरन् उन सभी लोगों को अवसर प्रदान करते हैं जो काथलिक बनना चाहते हैं।″

22 वर्षीय प्रकाश ने स्वर्गोदग्रहण महागिरजाघर में ख्रीस्तयाग के बाद पत्रकारों को बतलाया कि उन्होंने अपने मित्रों को चालीसा जुलूस की जानकारी दी और वे इसमें भाग लेने हेतु तैयार हैं। उन्होंने कहा, ″ख्रीस्तयाग के कुछ अवसरों पर भाग लेने के बाद मुझे लगा कि येसु ही मेरे सच्चे रास्ते हैं। इस विचार को मैंने अपने मित्रों को बतलाया।″  

कॉलेज की छात्रा 25 वर्षीय कल्पना भंदारी ने कहा, ″मैं काथलिक नहीं हूँ किन्तु मैं काथलिक मूल्यों को मानती हूँ तथा मुझे इससे सम्मान, सौहार्द और शांति प्राप्त होती है अतः मैं सोचती हूँ कि चालीसा जुलूस का एक खास महत्व है क्योंकि इसके साथ आध्यात्मिक आदान-प्रदान जुड़ा है।″

उनके लिए, पुरोहित का निर्देशन भी जीवन को अर्थ और मूल्य प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि मैं कई सालों से इस जुलूस में भाग ले रही हूँ और इस वर्ष कुछ नये मित्र भी इसमें शामिल होंगे। 








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