2017-03-21 15:44:00

ईश्वर दलित और गैर-दलित सभी के लिए कृपा प्रदान करते हैं, कार्डिनल ग्रेसियस


मुम्बई, मंगलवार, 21 मार्च 2017 (सेदोक) : ″भारतीय काथलिक कलीसिया में दलित ख्रीस्तीयों की संख्या सबसे ज्यादा है।″ उक्त बात मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ग्रेसियस ओसवाल्ड ने गत शनिवार 18 मार्च को मुम्बई में आयोजित राष्ट्रीय दलित ख्रीस्तीय परिषद (एनसीडीसी) की सभा में कही, जिसमें विभिन्न ख्रीस्तीय संप्रदायों के 45 नेताओं ने भाग लिया।

भारतीय धर्माध्यक्षीय काथलिक सम्मेलन के अनुसूचित जाति के कार्यालय के सचिव फादर जेड. देवसहाय राज ने एशियान्यूज से कहा, ″कार्डिनल ग्रेसियस ने सभा में भाग लेकर व्यक्तिगत रुप से भारतीय दलित ख्रीस्तीयों के प्रति दया की संस्कृति को प्रेत्साहित किया है।″

कार्डिनल ग्रेसियस ने सभा में उपस्थित प्रतिभागियों को आश्वासन दिया कि काथलिक कलीसिया के अधिकारी वर्ग दलित ख्रीस्तीयों की समस्याओं के समाधान हेतु सहायता करने के लिए तैयार हैं। वास्तव में, धर्माध्यक्षों ने दलित काथलिकों की मदद के लिए एक कार्य योजना पर हस्ताक्षर किया है। भारत में 19 मिलियन काथलिकों में 12 मिलियन दलित काथलिक हैं।

कार्डिनल ग्रेसियस ने अनुसूचित जाति की स्थिति की मान्यता के माध्यम से धर्म की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के महत्व पर बल दिया। जिसे भारतीय संविधान वंचित समूहों को अनुदान देता है।

कार्डिनल ने प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा के बचाव में कहा, ″ईश्वर ने हमें समान बनाया है। मनुष्यों के बीच विभाजन मनुष्य के स्वार्थ का परिणाम है। अन्याय को औचित्यपूर्ण बनाने के लिए लोग ख्रीस्तीय शिक्षाओं को विकृत कर देते हैं। ईश्वर दलित और गैर-दलित सभी के लिए कृपा प्रदान करते हैं। वे दलित और गैर-दलित सभी के लिए वर्षा देते हैं। प्रभु कभी भेदभाव नहीं करते।″

पिछले वर्ष दलितों के लिए बनाई गई नई योजना में सीबीसीआई ने पहली बार स्वीकार किया कि दलित भेदभाव और कुप्रथा के शिकार हैं। कार्डिनल ने कहा कि यह चालीसा के समय तपस्या की अवधि है हमें अपना हृदय परिवर्तन करना है। ईश्वर की करुणा और प्रेम को अपने दैनिक जीवन में व्यवहार में लाने की जरुरत है।








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