2017-03-20 15:50:00

चालीसा काल में आध्यात्मिक साधना नवीनीकरण का उत्तम अवसर


उड़ीसा, सोमवार, 20 मार्च 2017 (एशियान्यूज़): करीब 3,000 काथलिकों ने चालीसा काल में अपने विश्वास को नवीकृत करने हेतु एक आध्यात्मिक साधना में भाग लिया। आध्यात्मिक साधना 11 से 14 मार्च तक उड़ीसा के कटक स्थित रोजरी की माता मरियम महागिरजाघर में सम्पन्न हुआ।  

तीन दिवसीय आध्यात्मिक साधना के समापन समारोह का नेतृत्व करते हुए कटक के महाधर्माध्यक्ष जॉन बरवा ने कहा, ″प्रभु में सब कुछ सम्भव है यदि हम प्रभु के साथ नहीं हैं तो हमारे जीवन में खालीपन होगा। जब हम प्रभु के साथ होते हैं तो हमें बल, ऊर्जा, विश्वास, ज्ञान एवं विवेक प्राप्त होता है जो कि प्रार्थना द्वारा संभव है।″

महागिरजाघर के पल्ली पुरोहित फादर चितरंजन नायक ने कहा कि आध्यात्मिक साधना के संचालक फादर अनिल देव ने ईश वचन, ईश्वर के प्रेम तथा उनके बलिदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने आध्यात्मिक एवं शारीरिक चंगाई पर भी जोर दिया। उन्होंने बतलाया कि उनके प्रवचन बहुतों के लिए प्रेरणादायक थे।

आध्यात्मिक साधना के प्रतिभागी, पल्ली के सचिव, मार्टिन कुजूर ने कहा, ″मैंने इस करिश्माई आध्यात्मिक साधना के द्वारा ईश्वर एवं पड़ोसी के साथ अपने संबंध को नवीकृत किया। इसके द्वारा चालीसा के पवित्र काल में मेरे आध्यात्मिक पथ पर आत्मनिरीक्षण हेतु मुझे बहुत अच्छा मौका मिला।"

कॉलेज की छात्रा स्नेहाक्रुति बखला ने कहा, ″मैं प्रार्थना की अपेक्षा फिल्म देखने में अधिक समय व्यतीत करती थी, बाईबिल पढ़ने से अधिक फोन पर रूचि लेती थी। मैं मोबाईल फोन को  गिरजा भी लेकर जाती थी, मैं उससे बहुत आसक्त थी किन्तु इस आध्यात्मिक साधना के बाद मैंने अपने जीवन में प्रार्थना एवं ईश्वर की कृपा के महत्व को समझ लिया है।      

आध्यात्मिक साधना का संचालन भारतीय मिशनरी सोसाईटी (आई. एम. एस) के सदस्य फा. अनिल देव ने की, जो उत्तर प्रदेश एवं वाराणसी में प्रांतीय प्रेरितिक दल के अध्यक्ष हैं। वे एक सम्मानित उपदेशक हैं तथा वाराणस में धन्य कुँवारी मरियम को समर्पित आध्यात्मिक एवं चिंतन हेतु आईएमएस केंद्र, मातृधाम आश्रम के शीर्ष अधिकारी भी हैं।   

आश्रम ईसाई और हिंदुओं के बीच आध्यात्मिक सह-अस्तित्व का एक आदर्श उदाहरण है। इस केंद्र के बारे फा. अनिल देव बतलाते हैं कि यह उन लोगों के लिए खोला गया है जो जाति एवं विश्वास के बावजूद सच्चाई से किसी चीज की खोज करते हैं। उन्होंने कहा कि हम उदारतापूर्वक सभी भली इच्छा रखने वाले लोगों का स्वागत करते हैं।  








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