2017-03-16 15:47:00

लेखक एवं अन्वेषक हमारे लिए महत्वपूर्ण: राष्ट्रपति मुखर्जी


नई दिल्ली, बृहस्पतिवार, 16 मार्च 2017 (आईएएनएस): भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि लेखक तथा नई खोज करने वाले विद्वान विशिष्ट हैं क्योंकि उनमें नये अन्वेषण परक, संवेदनशील और कल्पनाशील दिमाग है जो समय, स्थान और वातावरण के घेरे के पार जाता है। उन्होंने कहा कि उनकी कृतियों का असर अनन्त है।

दस अन्वेषक विद्वान, दो लेखक और दो कलाकार जो राष्ट्रपति भवन के आंतरिक कार्यक्रम (इन-रेसिडेंस कार्यक्रम) के हिस्से थे, उन्होंने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति मुखर्जी से मुलाकात की।

इस अवसर पर उन से बातें करते हुए मुखर्जी ने खुशी जाहिर की कि उनके कार्यकाल में यह कार्यक्रम अपने प्रतिभागियों की रचनात्मकता को प्रज्वलित करने का अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इन-रेसिडेंस कार्यक्रम के कल्पनाशील और संवेदनशील प्रतिभागियों ने भारत की आत्मा को बरकरार रखने में अपना योगदान दिया है।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि जब प्रतिभागी अपने क्षेत्रों में वापस जायेंगे तो वे जिस तरह से अपने देश भारत को देखते हैं और जिस तरीके से उसके कल्याण और समृद्धि हेतु उनका योगदान हो सकता है उसके अनुसार एक नये आयाम का विकास करेंगे।

लेखक एवं कलाकार जो राष्ट्रपति भवन में इन रेसीडेन्स कार्यक्रम के हिस्से थे उनमें गुजराती कवि, आलोचक, अनुवादक तथा संपादक अशोक कुमार पी. चावड़ा, प्रबल कुमार बासू जो एक कवि एवं बंगाली लेखक हैं उन्होंने 17 संस्करणों की एक कविता किताब, कई नाटक, निबंध संग्रह तथा कहानी संग्रह की रचना की है तथा कलाकार राहूल शैलेंद्र कोकास्ते उपस्थित थे।

इन रेसीडेन्स कार्यक्रम के प्रतिभागियों ने अपने विचारों को प्रकट किया तथा उन्होंने दो सप्ताह के इस कार्यक्रम में भाग लेने के अवसर हेतु राष्ट्रपति के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के आरम्भ से ही उनकी भावनाओं एवं क्षमताओं को प्रोत्साहन मिला है।








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