2017-03-10 16:02:00

संत पापा की आध्यात्मिक साधना


वाटिकन रेडियो, शुक्रवार, 10 मार्च 2017 (सेदोक) संत पापा फ्रांसिस ने रोमन कार्यालय अधिकारियों के साथ अरीचीया के दिव्य सेवक गृह में अपने साप्ताहिक आध्यात्मिक साधना के दौरान येसु की छेदित बगल जिससे मानव के पापों की क्षमा हेतु करुणा की जलधारा प्रवाहित हुई पर मनन ध्यान किया।

आध्यात्मिक साधना के संचालक फादर गुलियो मीकेलीनी ने प्रातःकालीन चिंतन हेतु प्रस्तावित प्रवचन में संत मत्ती रचित सुसमाचार के अनुसार येसु के दुःखभोग और क्रूस मरण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह एक सच्ची मृत्यु थी। यही कारण है कि येसु के पुनर्जीवित होने पर शिष्य को अपने आप पर विश्वास नहीं हुआ कि येसु जीवित हैं लेकिन यह संभव है क्योंकि येसु सचमुच मार डाले गये थे।

उन्होंने कहा कि येसु की मृत्यु इतनी भयावह और दर्दनाक थी जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। सोचने और देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि यह किसी के द्वारा गढ़ी गई एक कहानी है परन्तु यह एक वास्तविक घटना है जिसकी चर्चा की गई है।

हमें क्रूस से येसु के उच्चरित वचनों पर चिंतन करने  के साथ-साथा उनका विश्लेषण करने की जरूरत है। “हे मेरे ईश्वर, हे मेरे ईश्वर तूने मुझे क्यों छोड़ दिया।” येसु के इन दुखदायी वचनों को जैसे कि सहदर्शी सुसमाचार हमारे समक्ष पेश करते हैं, फ्रांसिसकन उपदेशक ने कहा, “कुछ लोग समझते थे कि उन्होंने एलियस को पुकारा। लेकिन एलियस उनके लिए क्या कर सकता था? शायद येसु ने अपने मित्र को बुलाया होगा? यह तथ्य हमारे लिए पूरी तरह रहस्यात्मक है। येसु ने एलियस, योहन के नहीं पुकारा वरन उन्होंने अपने पिता के पुकार जो अपने में खामोश थे।”

येसु का अपने पिता के द्वारा छोड़ दिये जाने का अनुभव सचमुच में एक अपमानजनक स्थिति के समान है। उपदेशक ने कहा कि येसु अपने पिता को इसलिए नहीं पुकारते कि वे दुःख में पिता के द्वारा अपने को परित्यक्त पाते हैं वरन उनमें शारीरिक ताकत नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि संत योहन और लूकस का सुसमाचार येसु की इस पुकार का जिक्र नहीं करते हैं।

“क्रूस हमारे लिए सभी बातों को बायँ करती है लेकिन हम येसु की पुकार को नहीं समझ पाते हैं। पवित्र आत्मा हमें इस पुकार को अपने जीवन में समझे की कृपा प्रदान करते हैं।” उन्होंने कहा कि हम शतपति के भाले की चर्चा सुनते हैं जो येसु की बगल को छेदित करता है वास्तव में महत्वपूर्ण लेखों के अनुसार येसु की मृत्यु भाले के द्वारा हुए जहाँ से खून और जल की धारा बह निकली जो हमारे दिलों के पापों को धो कर साफ करती है। शतपति के आग्रह पर येसु द्वारा उसके नौकर को जीवन दान उनके दिल में हमारे प्रति प्रेम को दिखलाता है।








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