2017-03-09 16:43:00

डाइट जियत से संत पापा: 'मुझे भी खालीपन के क्षण का एहसास है'


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 9 मार्च 2017 (वीआर सेदोक): ″मैंने भी खालीपन के समय का एहसास किया है ।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने अपने जीवन के आध्यात्मिक अंधेरे क्षणों पर चर्चा करते हुए जर्मन समाचार पत्र ‘डाइट जियत’ को दिए एक साक्षात्कार में कही।

उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में उन्होंने प्रार्थना की थी कि प्रभु मैं इस परिस्थिति को नहीं समझ सकता हूँ।

यह पूछे जाने पर कि विश्वास में संकट की स्थिति से गुजर रहे लोगों की मदद विश्वासी किस तरह कर सकते हैं संत पापा ने कहा, ″संकट के बिना मानव जीवन में कोई भी नहीं बढ़ सकता, शारीरिक विकास में भी यही बात लागू होती है।″

डाइट जियत के सम्पादक जोवानी दी लोरेनसो के साथ हुए इस साक्षात्कार में सबसे मर्मभेदी पल था जब संत पापा ने खुद अपने संदेहों को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, ″विश्वास एक वरदान है।″ अतः इसे अपने आप में नहीं ढूँढना बल्कि ईश्वर से याचना करनी चाहिए। यह जल्द अथवा देर से प्राप्त हो सकती है और कई बार, संकट की स्थिति में इंतजार भी करना पड़ता है।″   

साक्षात्कार में अनेक विषयों पर चर्चा हुई जिसमें गाँठ खोलने वाली माता मरियम की भक्ति के विस्तार, पुरोहितीय बुलाहट में कमी एवं क्या व्यक्ति आंतरिक रूप से अच्छा या बुरा हो सकता है आदि प्रमुख विषय थे।  

संत पापा ने विश्व में संकट की स्थिति जिसे वे तृतीया विश्व युद्ध का नाम देते हैं के बारे कहा कि यह टुकड़ों में हो रहा है। उन्होंने अफ्रीका, एशिया, ईराक तथा अन्य स्थलों पर हो रहे संघर्षों की ओर ध्यान आकृष्ट किया।

साक्षात्कार के दौरान कलीसिया में हाल की घटनाओं पर भी प्रकाश डाला गया जिसमें अपनी आलोचनाओं के संबंध संत पापा ने कहा, ″इसके बारे मैं सच कहूँगा कि मैं जब संत पापा चुना गया उस समय से अब तक मैंने अपनी शांति नहीं खोयी है। मैं समझता हूँ कि मैं जिस तरह काम कर रहा हूँ एवं उन्हें न्याय संगत ठहरा रहा हूँ किसी-किसी को यह ठीक नहीं लगेगा। सोचने के कई तरीके होते हैं, यह जायज है मानवीय है और समृद्धि भी है।

"सुसंस्कृत" रोमन बोली में कुख्यात पोस्टर जिसमें संत पापा को दयालु नहीं होने का आरोप लगाया गया था उसपर टिप्पणी करते हुए संत पापा ने कहा, ″ये अच्छा है कि आप लोग इस तरह की चीजों में मजाक कर सकते हैं। मैं संत थोमस मोर की मध्यस्थता द्वारा प्रत्येक दिन प्रार्थना करता हूँ कि मुझे हास्य की भावना का ज्ञान मिले।

साक्षात्कार का समापन भविष्य में संभावित प्रेरितिक यात्रा के विषय में बातें करते हुए की गयी। संत पापा ने भारत, बंगलादेश, कोलोम्बिया और पुर्तगाल के फातिमा में अपनी यात्राओं की पुष्टि दी। 








All the contents on this site are copyrighted ©.