2017-03-09 15:47:00

काथलिक कार्यकर्ता ने लगाया गुलाम महिलाओं की तस्करी का आरोप


काठमाण्डू, बृहस्पतिवार, 9 मार्च 2017 (एशियान्यूज़): महिला अधिकार हेतु नेपाली काथलिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि विश्व महिला दिवस को सचमुच सार्थक बनाने के लिए शोषण एवं महिलाओं की तस्करी को रोकना होगा।  

उन्होंने गौर किया कि यौन गुलाम एवं मानव अंग तस्करी हेतु अधिक से अधिक नेपाली महिलाओं का शोषण किया जा रहा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट अनुसार 2016 में कम से कम 16,000 महिलाएँ तस्करी से छुड़ायी गयी जबकि 13,000 महिलाएँ विभिन्न देशों में गुलाम है।

महिलाओं पर रिपोर्ट करने वाली एक पत्रकार चंद्रशेखर अधिकारी ने कहा, ″महिला तस्करी का रूप अब बदल चुका है। पहले महिलाएँ वैश्य के रूप में भारत और चीन में बेची जाती थीं किन्तु अब सैकड़ों नेपाली महिलाएँ इस्लामी आतंकवादियों द्वारा 'आरामदायी महिलाओं' या मानव ढाल के रूप में प्रयोग की जा रही हैं।″

उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट अनुसार सीरिया में करीब 300 महिलाएँ यौन गुलाम के रूप में कार्य कर रही हैं। जिनमें अधिकतर तमांग, राई या ठाकूरी जैसे अल्पसंख्यक जाति की हैं। वे निशाने पर इसलिए हैं क्योंकि वे गोरी हैं तथा उनकी त्वचा सुन्दर है।

महिलाओं के लिए काथलिक कार्यकर्ता सुजाता राई ने नेपाल में महिलाओं की विभिन्न समस्याओं को बतलाते हुए कहा, ″कई अन्य समस्याएँ हैं, जिनमें घरेलू हिंसा, अंधविश्वासी पारंपरिक प्रथाएँ तथा बेरोजगारी भी शामिल हैं।″  

उन्होंने कहा कि यह सहन के परे है, खासकर, उस समय जब हज़ारों लोग वेश्यावृत्ति में नारकीय जीवन जी रहे हैं, विश्व महिला दिवस मनाया जा रहा है। जब यह समस्या समाप्त हो जायेगी तभी यह दिन एक आनन्द का दिन होगा।

समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि सरकार इसे रोकने हेतु हर सम्भव प्रयास कर रही है किन्तु समस्या का समाधान करने में समय लगता है बल्कि व्यवस्थित अपराधों को सुलझाने में और भी अधिक समय लगता है। हम परिस्थिति को समझ रहे हैं। कुछ ही कुलीन महिलाएँ इस दिन को मना रही हैं। बाकी हज़ारों रो रही हैं एवं पीड़ित हैं। इस समस्या के समाधान हेतु एक साथ प्रयास करने की आवश्यकता है।

गौरतलब है कि नेपाल में महिला अधिकार के कई दलों ने विभिन्न आयोजनों के साथ महिला दिवस को मनाया क्योंकि नेपाल सरकार ने इसे सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।








All the contents on this site are copyrighted ©.