2017-03-08 16:10:00

अपहरण के एक वर्ष के बाद फादर टॉम का पता नहीं


कोच्ची, बुधवार, 8 मार्च 2017 (ऊकान) :  कलह-ग्रस्त यमन में संदिग्ध इस्लामी आतंकवादियों द्वारा सलेसियन फादर थोमस उज्जुनल्लिल के अपहरण के एक साल अब अपने गृह राज्य केरल के काथलिक उनकी रिहाई की आशा खो रहे हैं।  

फादर टॉम 4 मार्च 2016 को यमन के अदन स्थित मिशनरीस ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित वृद्धाश्रम से अपहरण कर लिये गये थे। आतंकियों ने मिशनरीस ऑफ चैरिटी की चार धर्मबहनों के साथ वृद्धा आश्रम में सेवारत अन्य 12 लोगों को भी मार डाला था।

फादर टॉम  के अपहरण की 4 मार्च को एक साल पूरा हो जाने पर केरल के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन और डोन बोस्को धर्मसंघ के स्थानीय प्रोविंस द्वारा एरनाकुलम के टाऊन हॉल में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल बसेलिओस मार क्लीमिस ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, ″एक वर्ष के बाद भी हमें पता नहीं है कि फादर को किसने अपहरण किया है और उसे कहाँ लिया गया है। भारत की सरकार और वाटिकन ने भी उसकी रिहाई के लिए पूरा प्रयत्न किया, पर दुःख की बात है कि उनके प्रयास विफल रहे।″

कार्डिनल क्लीमिस ने सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो के संदर्भ में कहा कि एक व्यक्ति जो फादर के समान दिखते हैं, ने कलीसिया के अधिकारियों और भारत सरकार पर आरोप लगाया कि वे उसकी रिहाई के लिए पर्याप्त नहीं कर रहे हैं। कार्डिनल ने कहा कि पुरोहित जो ईश्वर के बुलावे पर संकट ग्रस्त देश में अपनी सेवा देने गया, वह कलीसिया को दोषी नहीं ठहराएगा।

केरल निवासी एर्नाकुलम-अंगमाली के कार्डिनल जॉर्ज एलेन्चेरी ने कहा कि फादर थोमस का अपहरण ईश्वर की योजना का हिस्सा था। उसकी पीड़ा निश्चित रुप से उसे विश्वास में दृढ़ करेगी और कलीसिया को मजबूत बनाएगी।

उन्होंने कहा, ″येसु ख्रीस्त का दुःख भोगना ईश्वर की योजना में था। इससे कई लोगों ने पश्चताप किया और कलीसिया के विकास हुआ। उसी तरह फादर टॉम की पीड़ा बुरी ताकतों को पश्चाताप करने और विश्वास करने के लिए मजबूर कर देगी।"

फादर टोम की मातृभूमि रामापुरम के अपने पैतृक घर में उनके प्रियजनों, रिश्तेदारों एवं कलीसिया के सदस्यों ने उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा तथा उनकी रिहाई हेतु सरकार के पहल की कामना करते हुए एक दिवसीय उपवास, प्रार्थना सभा तथा रैली का आयोजन किया था।

फादर थोमस के भाई डेविड ने कहा, ″परिवार फादर की रिहाई की जटिलताओं से अवगत है। अपहरण के बाद किसी ने भी फादर से बातें नहीं की है। हमें यह भी पता नहीं है कि वे किस परिस्थिति में हैं। हमारी आशा है कि सरकार और कलीसिया उनकी रिहाई के लिए पूरा प्रयास करेगी और हम एक दिन उसे हमारे देश में देख पायेंगे।″








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