2017-03-06 13:03:00

बाईबल का उपयोग सेलफोन की भाँति करें


वाटिकन रेडियो, सोमवार, 06 मार्च 2017 ( सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने 05 मार्च को अपने  रविवारीय देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में जमा हुए हजारों विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हुए कहा,

प्रिय भाई एवं बहनो,

सुप्रभात,

चालीसा के प्रथम रविवार का सुसमाचार हमें पास्का के मार्ग में ले चलता है जहाँ येसु चालीस दिनों तक मरुभूमि में रहते और शैतान उनकी परीक्षा लेने को आता है।(मत्ती. 4, 1-11) येसु के साथ यह विशेष घटना यर्दन नदी में उनके बपतिस्मा के उपरान्त अपने जनसामान्य जीवन की शुरूआत के पहले घटित है। पवित्र आत्मा उन पर उतरते और स्वर्ग से पिता की वाणी उन्हें यह कहते हुए सुनाई पड़ती है, “यह मेरा प्रिय पुत्र है।” इसके पहले कि येसु अपने प्रेरितक कामों की शुरुआत करते  शैतान “ईश्वर के पुत्र” येसु के इस तग़मे का लाभ उठना चाहता है जिससे वह उन्हें पिता प्रदत्त प्रेरितिक कामों से विमुख कर सके। इस तरह “यदि आप ईश्वर के पुत्र हैं” इन शब्दों को घोषित करते हुए शैतान उन्हें चमत्कारिक कार्य करने, पत्थर को रोटी बनाने जिससे वह अपनी भूख मिटा सके, मन्दिर की चोटी से कूदने और ईश्वर के दूतों द्वारा बचाये जाने तथा दुनिया की धन दौलत का मालिकाना हक पाने हेतु अपनी आराधना करने को फुसलाता है।

येसु की इन तीनों परीक्षाओं का तात्पर्य यही है कि शैतान येसु को आज्ञाकारिता और नम्रता के मार्ग से विमुख करना चाहता है क्योंकि वह जानता है कि इन दो चीजों के द्वारा येसु उसकी चालों, बुराइयों पर विजय प्राप्त करेंगे। वह उन्हें जीवन में सफलता और महिमा हासिल करने हेतु एक गलत और सुगम मार्ग का चुनाव करने को प्रेरित करता है। लेकिन शैतान के सभी जहरीले तीर जिसे वह येसु की ओर छोड़ता, येसु उन्हें ईश्वर के वचनों द्वारा निरस्त कर देते हैं जो पिता की इच्छा को व्यक्त करता है। इस तरह येसु पवित्र आत्मा से परिपूर्ण मरुभूमि में विजयी होकर पिता के कार्यों को पूरा करने हेतु निकलते हैं।

चालीसा की इस अवधि में ख्रीस्तीयों के रुप में हम येसु के पद चिन्हों में चलते हुए ईश वचनों की शक्ति से शैतान के दुष्टता पूर्ण कार्यों का सामना करने हेतु बुलाये जाते हैं। संत पापा ने कहा कि हमारे शब्द नहीं वरन ईश्वर के वचनों द्वारा हम शैतान को परास्त करते हैं। इसके लिए हमें ईश्वर के वचनों को जानने, बाईबल को निरंतर पढ़ने, उन पर मनन-चिंतन और उन्हें अपने जीवन में आत्मसात् करने की जरूरत है। बाईबल ईश्वर का वचन है जो हमारे जीवन में सदैव प्रभावकारी होता है। उन्होंने कहा कि यदि हम बाईबल को अपने मोबाईल फोन की तरह उपयोग करें तो कैसा होगा? उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि जब हम बाहर जाते और अपने साथ मोबाईल फोन लेना भूल जाते तो हम उसे लेने हेतु वापस लौटकर आते हैं। इसे हम दिन में कितनी बार देखते और इसमें आने वाले संदेशों को पढ़ते हैं। संत पापा ने कहा कि यदि हम बाईबल के संदेश को उसकी तरह पढ़ते जैसा कि हम अपने मोबाईल में आने वाले संदेशों को पढ़ते हैं तो कितना अच्छा होता। मोबाईल फोन और बाईबल की एक दूसरे से तुलना विरोधाभास है लेकिन यह हमारे लिए एक विचारणीय बात है। वास्तव में यदि हम सदैव ईश्वर के वचनों को अपने दिल में रखें संत पापा ने कहा, तो हमें कोई भी परीक्षा उनसे दूर नहीं ले जा सकती और न ही कोई कठिनाई हमें अच्छाई के मार्ग से विचलित कर सकती है। इस तरह हम अपने जीवन और अपने इर्दगिर्द में व्याप्त बुराइयों पर विजय प्राप्त करते हुए पुनर्जीवित आत्मा से प्रोषित होकर अपने जीवन में अन्यों को स्वीकारते तथा जरूरतमंद और अति संवेदनशील लोगों की प्रेम पूर्ण सेवा करते हैं यहाँ तक की अपने शत्रुओं की भी।

माता मरिया जो ईश्वर में आज्ञाकरिता और विश्वास की प्रतिमूर्ति हैं चालीसा काल में हमारी मदद करें जिससे हम ईश वचनों के श्रवण हेतु विनीत बने रहें जो हमारे जीवन में, हमारे हृदय में सच्चा परिवर्तन लाता है। इतना कहने के बाद संत पापा ने विश्वासी समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया और उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया और पुनः इस बात बल देते हुए कहा कि कृपया आप यह न भूलें कि बाईबल का उपयोग एक मोबाईल फोन की तरह करने से हमारे जीवन में क्या होगा। इस पर चिंतन करें। बाईबल सदैव हमारे साथ हमारे निकट रहता है।








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