2017-02-28 16:02:00

उरुग्वे - सोरियानो और कोलोन में श्रम संकट हेतु कलीसिया की चिंता


मर्सिडीज, मंगलवार, 28 फरवरी 2017 ( फीदेस) :  मर्सिडीज  धर्मप्रांत के कई लोगों के स्थायी और सुरक्षित नौकरियों से हटा दिये जाने के कारण तथा बेरोजगार लोगों के परिवारों की कठिनाईयों को द्खते हुए चालीसा काल की शुरुआत में मर्सिडीज  धर्मप्रांत के पुरोहितों और धर्माध्यक्ष कार्लोस कोल्लाजी ने अपनी चिंता और दर्द व्यक्त करते हुए एक बयान जारी किया।

काम करने का मौलिक अधिकार जो प्रत्येक व्यक्ति को एक बेहतर दुनिया का सह निर्माता और योगदान कर्ता बनाता है, पूँजी और लाभ के आगे मनुष्य एक गुलाम बनकर रह जाता है।

धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा फीदेस को भेजे गये पत्र में पुरोहितों को ″काम के संकट ″ पर विचार करने के लिए आमंत्रित किया गया है। 1 मार्च राख बुधवार से शुरु होने वाले चालीसा काल में पुरोहितों को इस संकट से प्रभावित परिवारों के करीब रहने और उनकी मदद हेतु दया के कार्यों को जारी रखने के लिए आमंत्रित किये गये हैं साथ ही उन्हें संघर्ष दलों के बीच विवेकपूर्ण और रचनात्मक बात-चीत को बढ़ावा देने के पूरा प्रयत्न करना चाहिए।

ख्रीस्त के पास्का का रहस्य प्रतिष्ठित कार्यों की खोज और समस्याओं के समाधान में मालिकों, श्रमिकों, राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए जिम्मेदार लोगों के मन को प्रज्वलित और प्रोत्साहित करे।

सन् 2016 में फीदेस द्वारा एकत्रित आंकड़ों के अनुसार उरुग्वेय के उद्योग लगातार तीन वर्षों से बंद पड़े हैं। फानापेल कागज फैक्टरी और खाद्य उद्योग मोलिनो डोलोरेस के बंद होने से बहुतों की नौकरी चली गई। परिणाम स्वरुप अनेक परिवारों के पास आय का कोई अन्य साधन नहीं है।








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