वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 24 फरवरी 2017 (सेदोक) संत पापा फ्रांसिस ने शुक्रवार 24 फरवरी को वाटिकन के अपने निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में अपने प्रातःकालीन मिस्सा बलिदान के दौरान प्रवचन में कहा कि हम अपनी दया में निष्पक्ष रहें जैसे कि येसु ने हमें सिखाया है।
सुसमाचार में अपनी पत्नी का परित्याग करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस विषय में येसु उचित और अनुचित के बारे में नहीं कहते बल्कि येसु शास्त्रियों से इसके बारे में सवाल पूछते हैं कि संहिता में क्या कहा गया है। संहिता के नियमों का जिक्र करते हुए वे उनके लिए सच्चाई की चर्चा करते और कहते हैं कि मानव का निर्माण क्यों किया गया है।
उन्होंने कहा कि येसु इस मामले में मानवीय तर्क को पाखंड और धोखा की संज्ञा देते हैं। येसु तर्क को उनके ऊपर छोड़ देते हैं जो उनकी परीक्षा लेना चाहते हैं। इस संदर्भ में येसु के मनोभाव हमारे लिए सत्य और करुणा की बातों को घोषित करता है।
संत पापा ने कहा कि सच्चाई में करुणा के भाव ख्रीस्तीयता का मार्ग है क्योंकि येसु पिता की करुणा और प्रेम को हमारे लिए ले कर दुनिया में आते हैं। उन्होंने कहा कि जब परीक्षाएं हमारे हृदयों को छूतीं हैं और हम धर्मसंकट में पड़ जाते हैं तो हमें सच्चाई के प्रति करुणा के भाव को अपने में धारण करने की जरूरत है जो सहज नहीं है। इसके लिए हमें ईश्वरीय कृपा की जरूरत है, जिसे हमें निरंतर याचना करनी है। संत पापा ने कहा कि हमारे लिए क्या महत्वपूर्ण है न्याय या दया। ईश्वर की नज़रों में न्याय करुणा है और करुणा न्याय। ईश्वर हमें अपने इस मार्ग को समझने की शक्ति प्रदान करें जो हमारे जीवन और बहुत सारे लोगों के जीवन में खुशी लेकर आती है।
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