2017-02-18 13:42:00

शांति और युद्ध दोनों ही परिस्थितियों में धार्मिक स्वतंत्रता महत्वपूर्ण


वाटिकन सिटी, शनिवार, 18 फरवरी 2017 (वीआर सेदोक): वाटिकन ने बुधवार को यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन द्वारा आयोजित एक सभा में सैनिकों की प्रेरिताई में नियुक्त पुरोहित की भूमिका की सराहना की।

वाटिकन की ओर से यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन हेतु स्थायी पर्यवेक्षक मोनसिन्योर जानूस उरबानज्याक ने कहा, ″युद्ध हमेशा ही मानव पर एक स्थायी छाप छोड़ जाता है। यह न केवल भाइयों एवं राष्ट्रों के बीच संबंध को तोड़ देता है किन्तु उन सैनिकों को भी विरूपित कर देता है जिन्होंने युद्ध की क्रूरता देखी है। यही कारण है कि कलीसिया हर परिस्थिति में सैनिकों की मदद हेतु पुरोहितों को नियुक्त करती है ताकि वे उनका समर्थन करें, उनके दैनिक कार्यों में उनकी मदद दे और हर समय उनकी आध्यात्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें, उन्हें मानव प्राणी के महत्व एवं जिस देश में वे सेवा दे रहे हैं वहाँ की सार्वजनिक भलाई को समझने में उनकी सहायता कर सकें।

वाटिकन राजनयिक ने इस बात की ओर भी इशारा किया कि शांति अथवा युद्ध दोनों ही परिस्थिति में धार्मिक स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार एक मौलिक मानव अधिकार होने के कारण हर व्यक्ति को हर समय और हर परिस्थिति में इसकी स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। इस तरह, जो कोई भी सशस्त्र बल में सेवा प्रदान करता है शांति की स्थिति में अथवा युद्ध काल में, यदि वह सच्चाई से इन बातों पर चिंतन करता है तब वह उन मौलिक अधिकारों की कद्र करने में दूसरों का आदर्श बन सकेगा। 








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