2017-01-31 15:14:00

ख्रीस्तीयों के खिलाफ आगजनी मामले में पाकिस्तान ने 112 को किया बरी


लाहौर, मंगलवार, 31 जनवरी 2017(ऊकान) : पाकिस्तानी अदालत ने  2013 में  लाहौर के पूर्वी शहर में वहाँ के ख्रीस्तीय निवासियों में से एक की ईश निंदा के अफवाह में सैंकड़ों घरों को आग लगाने वाले 112  संदिग्धों को बरी कर दिया है उक्त बात एक वकील ने रविवार को बताया। 

सन् 2013 के मार्च में लाहौर के जोसेफ कोलोनी के 125 से भी अधिक घरों को 3000 से अधिक मुसलमानों की भीड़ ने जला दिया गया उनका कहना था कि वहाँ का एक ख्रीस्तीय सावन मसीह ने पैगंबर मुहम्मद के बारे में अपमान जनक टिप्पणी की थी। घटना में कोई भी नहीं मारा गया था, लेकिन ज्यादातर ख्रीस्तीयों की संपत्ति को व्यापक क्षति पहुँची थी। घटना में भीड़ ने दो गिरजाघरों और दर्जनों पवित्र बाइबलों को जला दिया गया था।

बचाव पक्ष के वकील गुलाम मुर्तजा चौधरी ने कहा कि लाहौर में एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने 112 लोगों को सैकड़ों घरों को लूटने और आग लगाने को आरोप में उनके खिलाफ सबूतों की कमी की वजह से बरी कर दिया। ये सभी 112 संदिग्ध जमानत पर पहले से ही बाहर थे।

बीस वर्षीय सड़क सफाई करने वाला ख्रीस्तीय सावन मसीह ने ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तारी के बाद पुलिस को बताया कि ईशनिंदा के आरोप का असली कारण उसके और एक दोस्त को बीच संपत्ति विवाद था। उसके दोस्त ने ईशनिंदा का अफवाह फैला दिया। पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के तहत आरोपी को अनिवार्य रुप से मौत की सजा दी जाती है। 2014 में मसीह को मौत की सजा सुनाई थी पर इस निर्णय के विरुध उसने अपील की है। पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून के आलोचकों का कहना है कि लंबे समय से व्यक्तिगत और धार्मिक समूहों द्वारा विवादों को निपटाने के लिए इस कानून का इस्तेमाल किया गया है

इस महीने, पाकिस्तानी सीनेट के मानवाधिकार समिति ने कहा कि देश की ईशनिंदा कानून के गलत प्रयोग को रोकने के लिए बहस होगी। दशकों में पहली बार है कि किसी भी संसद में एक औपचारिक ईशनिंदा कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। पाकिस्तान में कई परंपरावादी कानून की आलोचना को भी ईशनिंदा समझते हैं।

एक ख्रीस्तीय महिला आसिया बीबी 7 वर्षों से ईशनिंदा को आरोप में जेल में है। उसे 2010 में पैगमेबर मुहम्मद को अपमानित करने के अपराध में मौत की सजा मिली, जिसे उसने इनकार किया।

इस मामले में संलग्न 3 जजों में से एक ने खुद को अलग कर लेने के बाद पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 13 अक्टूबर को उसकी मौत की सजा की अपील को स्थगित कर दी। सन् 2011 में उसकी ओर से वकालत और ईशनिंदा कानून का विरोध करने के लिए ख्रीस्तीय अल्पसंख्यकों के मंत्री शाहबाज भट्टी और, पंजाब प्रांत के गवर्नर मुस्लिम राजनीतिज्ञ सलमान  तासीर दोनों की हत्या कर दी गई थी।








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