2017-01-24 15:29:00

भारत में नेत्र दान आंदोलन प्रगति में


नई दिल्ली, मंगलवार, 24 जनवरी 2017 (ऊकान) : भारत में एक नया आंदोलन प्रगति पर है जो कई अंधों को आशा प्रदान करता है जैसा कि बहुत से काथलिकों ने अपनी मृत्यु के बाद अपनी आँखें दान करने की प्रतिज्ञा की हैं।

दिल्ली महाधर्मप्रांत ने 2017 को दृष्टि वर्ष के रुप में घोषित किया है और महाधर्मप्रांत की हर पल्लियों और स्कूलों में आँखें दान देने की जागरुकता को बढ़ावा दिया जाएगा।

18 जनवरी को दिल्ली महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष अनिल जे. कुट्टो की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया था जिसमें 100 धर्मप्रांतीय पुरोहितों ने अपनी आँखें दान करने हेतु प्रण किया और उन्होंने महाधर्मप्रांत के 65 पल्लियों और 16 काथलिक स्कूलों में नेत्र दान को बढ़ावा देने का फैसला लिया।

महाधर्मप्रांत का समाजिक सेवा विभाग ‘चेतनालय’ विशेषकर दिल्ली और हरियाणा की मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों की सहायता हेतु कार्यक्रमों का समन्वय करेगा।

‘चेतनालय’ के निदेशक फादर सावरी राज ने कहा, ″करुणा का अंत कभी नहीं होता, हमने इसे जारी रखा है। नेत्र दान जागरूकता फैलाने के अलावा महाधर्मप्रांत द्वारा चलाये जाने वाले ‘होली फामिली अस्पताल’ में एक नेत्र बैंक स्थापित करने की योजना है।″

चेतनालय दिल्ली के अस्पतालों में आंख स्क्रीनिंग शिविरों का संचालन करने के लिए डाक्टरों और पल्ली वासियों की अगुवाई करेगा। फादर ने कहा ,"हमने दृष्टि के वर्ष के दौरान 300 से अधिक आंख प्रत्यारोपण करने का लक्ष्य रखा है। कार्यक्रम का व्यापक उद्देश्य है जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करके परिहार्य अंधापन को रोकने का प्रयास करना और स्थायी नेत्रहीन लोगों को आजीविका कमाने में मदद देना।








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