2017-01-23 14:58:00

उड़ीसा के शहीदों की जल्द संत बनने की उम्मीद


कटक, सोमवार, 23 जनवरी 2017 (एशियान्यूज़): वाटिकन ने उड़ीसा के कंधमाल जिले के 100 शहीदों की संत घोषणा प्रक्रिया को शुरू करने की इच्छा व्यक्त की है। यह जानकारी मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष एवं फेडेरेशन ऑफ एशियन विषप्स के अध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस ने सुसमाचार प्रचार हेतु बनी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल फेरनांदो फिलोनी से मुलाकात का खुलासा करते हुए दी।

एशियान्यूज़ से बातें करते हुए उन्होंने उन ख्रीस्तीयों के महान त्याग पर गौर किया जिन्हें ख्रीस्त के प्रति अपना विश्वास प्रकट करने के कारण अपनी जान गवाँनी पड़ी।

उड़ीसा के लिए सामाजिक गतिविधियों के निदेशक फा. अजय कुमार सिंह ने शहीदों के बारे कहा, ″वे नहीं जान रहे थे कि शहीद बन जायेंगे, उन्होंने तो मात्र विश्वास किया कि येसु ख्रीस्त हैं और उस विश्वास की रक्षा की। उनके लिए अपने जीवन की रक्षा करने की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण था येसु का अनुसरण करना। उनके लिए कई विकल्प हो सकते थे जिसके द्वारा वे येसु को अस्वीकार कर शहादत से बच सकते थे किन्तु उन्होंने मृत्यु को गले लगाना स्वीकार किया।″ 

अगस्त 2008 में हिन्दू चरमपंथियों ने विश्व हिन्दू परिषद के नेता स्वामी लक्ष्मानन्दा की हत्या का आरोप लगाते हुए उड़ीसा के ख्रीस्तीयों पर घोर अत्याचार किया था। चार महीनों की हिंसा में करीब 100 लोग मारे गये थे, 6500 घर ध्वस्त कर दिये गये थे, 395 गिरजाघर एवं पूजा के स्थल नष्ट किये गये थे तथा लगभग 56 हजार से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा था।

जनवरी 2016 को भारत की काथलिक कलीसिया ने संत घोषणा की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निश्चय किया तथा कटक भुनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष जॉन बरवा को शहीद ख्रीस्तीयों से संबंधित जानकारियाँ इकट्ठा करने की जिम्मेदारी सौंप दी गयी थी। 








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