2017-01-21 15:52:00

दम्पतियों के लिए विशेष तैयारी की आवश्यकता


वाटिकन सिटी, शनिवार, 21 जनवरी 2017 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 21 जनवरी को काथलिक कलीसिया के अपोस्तोलिक अदालत ‘रोता रोमाना’ के अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें उदारता तथा कलीसिया के प्रति प्रेम से प्रेरित होकर कार्य करने की सलाह दी।

अपोस्तोलिक अदालत के न्यायिक वर्ष की शुरूआत करते हुए संत पापा ने उनका ध्यान विश्वास एवं विवाह के संबंध की ओर आकृष्ट किया। उन्होंने संत पापा जॉन पौल द्वितीय के शब्दों का स्मरण दिलाते हुए कहा कि उन्होंने इस संबंध को पवित्र धर्मग्रंथ पर आधारित करते हुए, ″विश्वास एवं तर्क के ज्ञान के बीच गहरा संबंध बतलाया था।″ उन्होंने कहा था कि यह अत्यन्त प्रगाढ़ एवं अटूट संबंध है अतः विश्वास की भावना से हम जितनी दूर चले जाते हैं उतना ही हम मानवीय असफलता तथा मूर्खता की स्थिति की जोखिम उठाते हैं। बाईबिल में मूर्ख व्यक्ति के जीवन के खतरे को प्रस्तुत किया गया है। मूर्ख सोचता है कि वह सब कुछ जानता है किन्तु हकीकत में वह आवश्यक चीजों की ओर नजर भी नहीं उठा पाता है। इस प्रकार न तो वह अपने मन को काबू में रख सकता है और न ही अपने तथा अपने आप-पास के लोगों के प्रति सकारात्मक मनोभाव रख पाता है। अपने ज्ञान की अपूर्णता के कारण वह ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकार भी नहीं कर सकता है। जो दर्शाता है कि वह पूर्ण सत्य, अपने उद्गम एवं लक्ष्य से कितना दूर है।    

संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें की बातों का हवाला देते हुए संत पापा ने प्रेम और सच्चाई के महत्व को प्रकट किया तथा कहा कि ईश्वर की सच्चाई के प्रति खुला होकर ही हम वैवाहिक जीवन एवं परिवार में जीवन की सार्थकता को समझ और अनुभव कर सकते हैं जिसे उनके पुत्र ने बपतिस्मा द्वारा हमें पुनः प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि ईश्वर की योजना का बहिष्कार वास्तव में मानवीय रिश्तों में बहुत अधिक गड़बड़ी उत्पन्न कर देता है। अतः यह अति आवश्यक है कि हम प्रेम एवं सच्चाई द्वारा संबंधों को मजबूत बनायें।  

संत पापा ने चेतावनी दी कि धार्मिक मूल्यों एवं विश्वास का अभाव वैवाहिक सहमति को प्रभावित किये बिना नहीं रह सकता।

संत पापा ने विश्वास के अभाव के कारण वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं से छुटकारा पाने हेतु युवाओं के प्रशिक्षण पर बल दिया। उन्हें परिवार तथा वैवाहिक जीवन को ईश्वर की योजना के अनुसार बतलाते हुए शादी जीवन के लिए तैयारी करने की सलाह दी ताकि परिवार में कृपा, सच्चे प्रेम का आनन्द एवं सुन्दरता का एहसास किया जा सके एवं वे येसु द्वारा मुक्ति के सहभागी हो सकें।








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