मुम्बई, सोमवार,9 जनवरी 2017 (एशिया न्यूज) : छत्तीसगढ़ में एक धर्मबहन के कथित बलात्कारियों का बरी होना एक गंभीर अन्याय न सिर्फ हमारी धर्मसंघी बहनों के लिए है लेकिन उन महिलाओं के लिए भी है जिन्हें इसी प्रकार के आघात का सामना करना पड़ा है।
मुम्बई महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष एवं एशिया के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल ग्रेसियस ओसवाल्ड ने निंदा करते हुए एशिया न्यूज को बताया कि रायपूर की एक काथलिक धर्मबहन द्वारा दो अपराधियों पर शारीरिक यंत्रणा देते हुए जबरदस्ती ड्रग खिलाने और बलात्कार करने के आरोप लगाया पर "सबूतों के अभाव में" उन्हें बरी कर दिया है।
कार्डिनल ने कहा, ″भारतीय काथलिक कलीसिया उच्च अदालत से न्याय की मांग करेगी। हम फैसले को चुनौती देते हुए अपील करेंगे।″
कार्डिनल ग्रेसियस के अनुसार, अपराधियों का बरी हो जाना एक बार फिर से महिलाओं के खिलाफ हिंसा की समस्या के प्रति हमारा ध्यान केंद्रित कराता है। यह महिलाओं के अधिकार और गरिमा विशेष रुप से हिंसा के शिकार लोगों के न्याय हेतु काम करने वालों के लिए एक बहुत बड़ा झटका है।
5 जनवरी के चत्तीसगढ़ राज्य न्यायालय ने 19 वर्षीय दिनेश धीर्व और 25 वर्षीय जितेंद्र पाठक को ‘सबूतों के अभाव में’ बरी कर दिया। कार्डिनल ग्रेसियस का मानना है कि पुलिस ने अनमने ढंग से जांच की कार्यवाही पूरी की। उन्होंने अपराध स्थल की ठीक से जांच नहीं की और न ही पीड़िता के शरीर से हमलावरों के निशानों और सबूतों को इकट्ठा किया ।
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