वाशिंगटन, मंगलवार, 6 दिसम्बर 2016 ( ऊकान) : एक अमेरिकी एनजीओ पर भारत सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर इस सप्ताह एक शक्तिशाली कांग्रेस समिति ने एक सुनवाई का आयोजन किया है।
भारत सरकार द्वारा देश भर में 500 से अधिक स्थानीय बाल विकास परियोजनाओं के लिए धन भेजने से रोक लगाने के खिलाफ कोलोराडो स्थित कम्पाशन इंटरनेशनल याने अंतरराष्ट्रीय करुणा द्वारा एक राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत की वजह से सदन की विदेश मामलों की समिति ने कांग्रेस की सुनवाई के लिए घोषणा की है ।
" सदन की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष कांग्रेसी एड रॉयस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय करुणा जो भारत में बच्चों के लिए महत्वपूर्ण ट्यूशन, पोषण और चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है तीन सप्ताह के अंदर बंद किया जा सकता है।
इस मुद्दे को कांग्रेस सदन के ध्यान में लाने के द्वारा मेरी आशा है कि 145,000 बच्चों को इन सेवाओं से वंचित नहीं रखा जाएगा जिनकी उन्हों सख्त जरुरत है। और दोनों देशों के बीच संबंध और भी मजबूत हो जाएगा।
एड रॉयस भारतीय अमेरिकियों और भारत के कांग्रेस सदन कॉकस के संस्थापकों में से एक थे। भारत में अमेरिकी करुणा: सरकार की बाधा' मुद्दे के तहत सदन के विदेश मामलों की समिति की सुनवाई के लिए तीन विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है। वे हैं अंतरराष्ट्रीय करुणा के स्टीफन ओकले, मानवीय अधिकार निगरानी के जोन शिफटन एवं जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालय से इरफान नूरुद्दीन।
करुणा के अध्यक्ष संतयागो जिम्मी मेलाडो ने कहा, " सन् 1968 में भारत में मानवीय कार्य की शुरुआत के बाद से एक चौथाई मिलियन से अधिक भारतीय बच्चे और उनके परिवार अंतरराष्ट्रीय करुणा के कार्यक्रमों से लाभान्वित हुए हैं।
उन्होंने कहा, हमारी इच्छा और हमारे समर्थकों की ओर से अनुरोध है कि हम इन बच्चों को सहायता देना जारी रखें। हम भारतीय कानून का पालन करने से ज्यादा कुछ नहीं चाहते। हम चाहते हैं कि अधिकारियों द्वारा हमें इजाजत मिले जिससे हम बेहद गरीब बच्चों की देखभाल कर सकें।
अंतरराष्ट्रीय करुणा ने 3 दिसम्बर को भारत में बाल विकास कार्यों की रक्षा करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया। हाल ही में भारतीय सरकार के नियमों में हुए बदलाव के कारण और विदेशी अंशदान अधिनियम (एफसीआरए) के आवेदन के कारण अंतरराष्ट्रीय करुणा को देश भर में 500 से अधिक स्थानीय बाल विकास परियोजनाओं के लिए धन भेजने से रोक लगाया गया है।
इस परिवर्तन ने लगभग 145,000 बच्चों को प्रभावित किया है। नये नियम के अनुसार करुणा के 580 बाल विकास केंद्रों में से प्रत्येक बच्चे का आवेदन भारत सरकार को 31 अक्टूबर 2016 तक जमा करना था.। सरकार ने 63 करुणा के भागीदारों की विदेशी अंशदान अधिनियम (एफसीआरए) के आवेदन को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।
मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया कि कई बार अनुरोध के बावजूद भारत सरकार ने प्रतिबंध पर कोई विवरण प्रस्तुत नहीं किया है।
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