2016-12-05 15:13:00

येसु हमारे हृदय को नया बना देते हैं


वाटिकन सिटी, सोमवार, 5 दिसम्बर 2016 (वीआर सेदोक): हम येसु की ओर मुढ़ें, अपने आपको उनके लिए अर्पित करें ताकि वे हमें नवीकृत कर हमारे पापों से मुक्त कर दें। यह बात संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 5 दिसम्बर को वाटिकन स्थित संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग प्रवचन में कही।

″मरूस्थल में फूल खिलेंगे, अंधे देखने लगेंगे तथा बहरे सुन सकेंगे।″ संत पापा ने नबी इसायस के ग्रंथ से लिए गये पाठ पर चिंतन करते हुए नवीकृत किये जाने पर प्रकाश डाला तथा कहा कि सब कुछ बदल जायेगा, कुरूप सुन्दर हो जायेगा और बुराई अच्छाई में बदल जायेगी। ऐसे ही बेहतर की आशा ईस्राएल की जनता मसीह से कर रही थी।   

संत पापा ने इस बात पर गौर किया कि येसु द्वारा लाया गया परिवर्तन आसान नहीं था। लोगों ने येसु का अनुसरण इसलिए नहीं किया कि वे प्रासंगिक थे किन्तु इसलिए क्योंकि उनका संदेश उन्हें प्रभावित किया। लोगों ने उनका चमत्कार देखा और तब वे उनका अनुसरण करने लगे।

संत पापा ने इस बात को भी स्पष्ट किया कि येसु ने जो कार्य किया वह न केवल बुराई पर अच्छा द्वारा परिवर्तन का कार्य था किन्तु उन्होंने व्यक्ति में एक पूर्ण परिवर्तन लाया। यह बाह्य न होकर एक आंतरिक परिवर्तन था। पुनः सृष्ट किया जाना था। ईश्वर ने दुनिया की सृष्टि की किन्तु मनुष्य पाप में गिर गया और अंततः येसु ने आकर सृष्टि को पुनः नया रूप दिया। संत पापा ने सुसमाचार पाठ को प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह पाठ इसी बात को प्रकट करता है। येसु ने किस तरह चंगाई द्वारा व्यक्ति को नया बनाया? चंगा करने के पूर्व येसु ने उसके सारे पाप क्षमा कर दिये। इस प्रकार चंगा किये जाने के बाद वह व्यक्ति पूरी तरह नया बन गया जो कुछ लोगों के लिए ठोकर का कारण बन गया।

संत पापा ने कहा इस परिवर्तन को नहीं समझ पाने के कारण संहिता के विद्वान वाद-विवाद करने लगे क्योंकि वे येसु के अधिकार को स्वीकार नहीं कर सके थे। येसु आत्मा की चंगाई द्वारा ख्रीस्त जयन्ती हेतु तैयारी में सहायता करते हैं। जिसके लिए विश्वास की आवश्यकता है। संत पापा ने कहा कि ‘मैं यह नहीं कर सकता हूँ’ कहने के प्रलोभन से बचें एवं परिवर्तित किये जाने एवं येसु द्वारा पुनः सृष्ट किये जाने हेतु अपने को अर्पित करें।″ 

उन्होंने कहा, ″हम सभी पापी हैं, हम अपने पापों के मूल कारण को जानने का प्रयास करें और येसु वहाँ आकर हमें पुनः सृष्ट करेंगे तब एक बेहतर जड़ बढ़ेगा। वह न्याय के कार्यों से बढ़ेगा और हम नये व्यक्ति बन जायेंगे।″

संत पापा ने पूर्ण पश्चाताप करने की सलाह देते हुए कहा कि यदि हम अपने को पापी स्वीकार करते और पापस्वीकार करने के बाद भी अपने पुराने रास्ते पर बने रहते हैं तो हम प्रभु द्वारा नवीकृत नहीं किये जायेंगे अतः हमें पूर्ण पश्चाताप करते हुए सच्चे विश्वास की याचना करना है।

उन्होंने कहा कि हम गंभीर पापों को छिपाने का प्रयास करते हैं उदाहरण के लिए जब हम ईर्ष्या को कम दिखाने का प्रयास करते हैं तो यह हानिकारक है क्योंकि यह वास्तव में सांप के विष की तरह है जो दूसरों को नष्ट करता है।

संत पापा ने प्रार्थना की कि प्रभु हमारे पापों को धो दे ताकि हम सचमुच नवीन बन सकें। उन्होंने सलाह दी कि हम अपने पापों के मूल में जाएँ उसे प्रभु को चढ़ायें क्योंकि वे हमें विश्वास में आगे बढ़ने हेतु बल प्रदान करेंगे।








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