2016-12-01 15:23:00

गरीबों के बीच कलीसिया की सेवा पर श्रीलंका के राष्ट्रपति की सराहना


कोलोम्बो, बृहस्पतिवार, 1 दिसम्बर 2016 (ऊकान): श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने देश में ग़रीबों की मदद हेतु काथलिक कलीसिया की सराहना की।

30 नवम्बर को अपने आवास में ‘फेडेरेशन ऑफ एशियन बिशप्स’ (एफएबीसी) के सदस्यों के सम्मान में अर्पित एक भोज में उन्होंने कहा, ″श्रीलंका में ग़रीबों के लिए काथलिक कलीसिया द्वारा मदद के कार्यों की, मैं बड़ी प्रशंसा करता हूँ। लोगों के जीवन में सामाजिक एवं धार्मिक क्षेत्र में प्रोत्साहन देने में भी कलीसिया का बड़ा योगदान है।″   

ऊका समाचार के अनुसार ‘फेडेरेशन ऑफ एशियन बिशप्स’के सम्मेलन में कुल 140 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं जो इन दिनों कोलोम्बो में चल रहा है जिसमें मुख्य रूप से परिवारों की समस्याओं के विभिन्न मुद्दों पर विचार किया जा रहा है।

सिरीसेना जिन्होंने 2015 से ही 7वें राष्ट्रपति के रूप में श्रीलंका के प्रशासन का कार्यभार सँभाल रहे हैं उन्होंने कहा कि गरीबों के उत्थान हेतु सरकार भी खूब कोशिश कर रही है, वास्तव में, कुछ सप्ताहों पहले मैंने वर्ष 2017 को श्रीलंका के लिए गरीबी उन्मूलन का वर्ष घोषित किया है।  

राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीलंका में एफएबीसी के प्रतिनिधियों का स्वागत करना उनके लिए सौभाग्य एवं सम्मान की बात है। उन्होंने संत पापा फ्राँसिस की भी याद की जिनका स्वागत उन्होंने 2015 में की थी।

उन्होंने श्रीलंका के काथलिक धर्मगुरू कार्डिनल अल्बर्ट मालकॉम रंजित एवं अन्य काथलिक अधिकारियों को श्रीलंका में एफएबीसी के सम्मेलन के आयोजन हेतु उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।

ज्ञात हो कि श्रीलंका एक ऐसा राष्ट्र है जहाँ विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों एवं परम्पराओं के लोग कई सदियों से निवास करते आ रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे बीच एक-दूसरे की संस्कृति, जाति, परम्परा एवं मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना है।








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