2016-11-28 16:08:00

आगमन हमारे हृदयों की क्षितिज को विस्तृत करे


वाटिकन सिटी, सोमवार, 28 नबम्बर 2016 सेदोक संत पापा फ्राँसिस ने संत प्रेत्रुस महागिरजा घर  के प्रांगण में जमा हुए सभी विश्वसियों और तीर्थयात्रियों को देवदूत प्रार्थना के पूर्व दिये गये संदेश में हृदयों की क्षितिज को विस्तृत करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, “प्रिय भाइयो एवं बहनों आज हम कलीसियाई पूजन विधि में एक नये वार्षिक काल चक्र की शुरूआत करते हैं जिसे हम आगमन काल कहते हैं जो हमें ईश्वर से मिलने और अपने विश्वास को प्रगाढ़ बनाने का सुअवसर प्रदान करता है।”  संत मत्ती रचित सुसमाचार अध्याय 24.37-44 हमारे लिए आगमन काल के एक महत्वपूर्ण विषयवस्तु को पेश करता है जहाँ हम ईश्वर को अपने लोगों से मिलने आते देखते हैं। यह ईश्वर का अपने सृष्ट वाणी मानव से तीन मुलाक़ातों की चर्चा करता है। पहला, अतीत में वे मानव शरीरधारण कर धरती पर आये जिसे हम क्रिसमस के तौर पर मानते हैं। दूसरा, वे वर्तमान समय में प्रति दिन हमारे साथ मिलने आते हैं और तीसरा,वे दुनिया के अंत में मृतकों और जीवितों का न्याय करने को अपनी महिमा में पुनः आयेंगे।

संत पापा ने कहा कि आगमन हमें अपने निर्धारित दैनिक जीवन कार्यशैली और ईश्वर के अचानक आने के विरोधाभास पर मनन करने हेतु प्रोत्साहित करता है। सुसमाचार हमें भयभीत नहीं करता लेकिन हमें अपने हृदयों की क्षितिज को विस्तृत करने का निमंत्रण देता है जिससे हम अपने रोज दिन में होने वाली घटनाओं को एक अर्थपूर्ण आयाम से देख सकें।

उन्होंने कहा कि यह नजरिया हमें इसके लिए भी निमंत्रण देता है कि हम अपने जीवन में बुद्धिमत्ता से कार्य करें और दुनिया की चीजों को अपने में हावी होने न दें बल्कि उन्हें उनके यथा उचित स्थान पर ही व्यवस्थित रखें। यदि हम दुनियावी चीजों को अपने जीवन में हावी होने देते हैं तो हम जीवन की महत्वपूर्ण चीज जो ईश्वर से हमारा मिलन है हम उसे देख और समझ नहीं पायेंगे। उन्होंने कहा, “ इसीलिए आगमन काल हमारे निमंत्रण देता है कि हम सजग रहें क्योंकि हम नहीं जानते कि ईश्वर कब हम से मिलने आयेंगे।” हमें उनसे मिलने जाने हेतु सदैव तैयार रहने की जरूरत है।  

उन्होंने सबों का आहृवान करते हुए कहा, “हमें अपने हृदयों की क्षितिज को बृहद करने की जरूरत है जिससे हम अपने रोज दिन के जीवन में ईश्वर के कार्यों से आश्चर्यचकित होते हुए अपने को नवीन बना सकें।” यह कार्य हमें इस बात हेतु प्रेरित करता है कि हम अपने जीवन की चीजों और अपनी योजना पर सुरक्षित और आधारित न हो क्योंकि ईश्वर हमारे पास उस घड़ी आते हैं जब हम उनके आने की आशा नहीं करते हैं।

हम माता मरियम से निवेदन करें कि वे हमें इस बात की अनुभूति दिलाये कि हम अपने जीवन के मालिक नहीं हैं जिससे ईश्वर का बुलावा आने पर अपनी परियोजना से विचलित हुए बिना, हम बेहिचक उसके निमंत्रण को स्वीकार कर सकें। इतना कहने के बाद संत पापा ने सभों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया और सब को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना के उपरान्त संत पापा ने केन्द्रीय अमरीका विशेष कर कोस्टारीका और निकारागूआ में आये तूफान ओटो से प्रभावित लोगों के लिए प्रार्थना की। उन्होंने अपनी प्रार्थना में उत्तरी इटली के लोगों को भी याद किया जो भारी वर्षा के कारण बाढ़ का शिकार हुए हैं। अंत में उन्होंने सभी विश्वासियों को आगमन काल की शुभकामनाएँ अर्पित करते हुए कहा कि यह पवित्र समय आप के लिए आशा का समय हो जहाँ आप ईश्वर के अनमोल साहचर्य का अनुभव करें जो सदैव आप से मिलने आते हैं।  








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