वाटिकन रेडियो, शुक्रवार 25 नवम्बर 2016 (वी आर) संत पापा द्वारा करुणा की जयंती वर्ष समापन के अवसर पर कलीसिया के नाम निदेर्शित प्रेरितिक पत्र “मिसरिकोदिया एत मिसेरा” (करुणा और कष्ट) का मुख्य संदेश करुणा का द्वार सदैव खुला है उक्त बातें वेस्टमिनिस्टर के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल विन्सेट निकोल्स ने कही।
वाटिकन रेडियो की सुसी होजेस को दिये गये अपने साक्षात्कार में उन्होंने संत पापा के प्रेरितिक पत्र पर अपनी टिप्पणी देते हुए कहा कि यह जयंती वर्ष का अति सुन्दर समापन है। संत पापा हम सभों से निवेदन करते हैं कि हम “करुणा की संस्कृति” को अपने में विकासित करें जिसका प्रयास हमें जीवन भर करने की जरूरत है न कि केवल एक वर्ष।
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है यह काथलीकों के बृहद समुदाय को न केवल संचार माध्यमों द्वारा प्रकाशित पुरोहित को गर्भपात जैसे पापों की क्षमा के अधिकार वरन करुणा के उपहार को और अधिक गहराई से समझने में मदद करेगा। “प्रेरितिक पत्र में इस बात पर बल दिया गया है कि हम ईश्वर की करुणा के समझें जो हमें आशा प्रदान करती है।”
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