2016-11-19 15:34:00

जयन्ती और ख्रीस्तीय एकतावर्धक वार्ता वाटिकन द्वितीय महासभा के फल, संत पापा


वाटिकन सिटी, शनिवार, 19 नवम्बर 2016 (वीआर अंग्रेजी): संत पापा ने कहा है कि जयन्ती एवं ख्रीस्तीय एकता वाटिकन द्वितीय महासभा का फल है।

काथलिक इटली दैनिक समाचार ‘अभ्भेनिरे’ को दिये अपने साक्षात्कार में संत पापा ने करुणा की जयन्ती का मूल्यांकन किया तथा ख्रीस्तीय एकता की लम्बी जटिल यात्रा एवं वाटिकन द्वितीय महासभा की विरासत पर गौर किया।

वाटिकन प्रेरितिक आवास संत मर्था से संत पापा ने कलीसिया की राहों एवं करुणा के रास्ते द्वारा सुसमाचार के प्रचार को प्रस्तुत किया जो मात्र एक विचारधारा न होकर ठोस कार्य है। उन्होंने स्वीकार किया कि जयन्ती हेतु उनकी कोई योजना नहीं थी बल्कि वे पवित्र आत्मा से प्रेरित हुए।

क्षमाशीलता के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि वे उस बात पर विचार करना पसंद करते हैं कि ईश्वर की याददाश्त बहुत कम है वे क्षमा कर देते एवं भूल जाते हैं।  

ख्रीस्तीय एकता के मुद्दे पर ध्यान आकृष्ट करते हुए संत पापा ने करुणा की आसाधारण जयन्ती के अवसर पर ख्रीस्तीयों के बीच मेल-मिलाप हेतु उठाये गये महत्वपूर्ण कदमों को रेखांकित किया तथा इसका श्रेय वाटिकन द्वितीय महासभा को दिया। 

उन्होंने ख्रीस्तीय एकता के बारे कहा कि ″इस एकता के तीन रास्ते हैं, उदार कार्य करते हुए एक साथ चलना, एक साथ प्रार्थना करना तथा विश्वास की आम अभिव्यक्ति को पहचानना।″ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ख्रीस्तीय एकता के साथ यह आवश्यक है कि हम ग़रीबों की सेवा करें जो ख्रीस्त के शरीर हैं।   

ज्ञात हो कि संत पापा फ्राँसिस करुणा की असाधारण जयन्ती का समापन ख्रीस्त राजा के पर्व के दिन 20 नवम्बर को करेंगे। 








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