2016-11-18 15:22:00

मानव व्यापार के विरुद्ध ख्रीस्तीयों की प्रतिबद्धता


सिडनी, शुक्रवार, 18 नवम्बर 2016 (फोदेस) मानव व्यापार विश्व से सभी देशों में व्याप्त है और ऑस्ट्रेलिया इससे अछूता नहीं  हैं। यह चीज वस्तुओं के लोभ का परिणाम है जिसे लोग किफायती दर में पाना चाहते हैं जिसके कारण वे मानव सम्मान को पैरो तले रौंद डालते हैं। उक्त बातें ऑस्ट्रेलिया धर्माध्यक्षीय संगठन के धर्माध्यक्ष विन्सेंट नंगुयान वान लांग ने कही जो सामाजिक न्याय सम्मेलन के अध्यक्ष हैं।

क्रिस्टीना करोलिन और सिस्टर नोयलेने सिमोन्स के द्वारा “मानवीय व्यापार और दासताः ऑस्ट्रेलिया ख्रीस्तीयों का प्रतिउत्तर” पर किये गये एक नये सर्व और अध्ययन के अनुसार कहा गया कि अन्तराष्ट्रीय और ऑस्ट्रेलियाई कानून अत्याचार जैसे मुद्दों और देह व्यापार संबंधी मामलों में ऑस्ट्रेलिया के काथलिक धर्मसंधियों के दल की हर संभंव सेवा कर रहे हैं। 

करोलिन ने कहा,“ बहुत से लोगों को इस बात का विश्वास नहीं होता कि ऑस्ट्रेलिया में भी मानव व्यापार संबंधी मामलों के मुक़दमे दायर किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत सारी महिलाएँ हैं जिन्हें देह व्यापार का शिकार होना पड़ता हैं, बहुत है ऐसे हैं जिन्हें कृषि, गृह निर्माण, खनन और मत्स्य जैसे कार्य क्षेत्रों में कई तरह के शोषण का भुक्तभोगी होना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में बंधुवा मजदूर के रूप में कार्यरत लोगों द्वारा कपड़े और खाने की चीजों का उत्पादन कराया जाता है जो कि देह व्यापार के शिकार होते हैं। एक दूसरी प्रथा जहाँ लोगों को जबरदस्ती विवाह करने का दबाव डाला जाता है इसके शिकार अधिकतर जवान महिलाएँ होती हैं। करोलिन ने कहा कि हमें ऐसे लोगों की सहायता करने की जरूरत है।

धर्माध्यक्ष ने मानव व्यापार के क्षेत्र में कार्यरत ख्रीस्तीयों की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की जो शिक्षण संस्थान के अलावे, अनुसंधान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश में देह व्यापार में फंसे लोगों की सुरक्षा और उनकी सेवा हेतु पहल करते हैं।

 








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