पाकिस्तान, शुक्रवार, 11 नवम्बर 2016 (फीदेस) लाहौर 4 नवम्बर 2014 को लाहौर के कोट राधा किसान, कैसूर जिला में एक ख्रीस्तीय दम्पति को ईश निंदा के अपराध में जिंदा जला दिये गये मानवीय अपराध के आरोपियों को सजा दिलाने का प्रयास जारी है।
अल्पसंख्यकों को कानूनी संरक्षण एवं सहायता सिसिल चौधरी एंड आरिस फाऊडेशन के अध्यक्ष मिचेल चौधरी ने फीदेस समाचार को अपने संवाददाता संदेश में कहा, हम न्याय हेतु प्रयासरत हैं जिससे इस घिनौने अपराध के दोषीदार को सजा मिल सके। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार को अपने देश के प्रत्येक नागरिक के प्रति बिना भेदभाव किये सुरक्षा मुहैया करने की जरूरत है जैसा कि संविधान में लिखा है।
ज्ञात हो कि दो वर्ष पूर्व ईंट भाठा में मजदूरी करने वाले ख्रीस्तीय दम्पति शामा और शाहजाद पर ईश निंदा का आरोप लगाया गया और उन्हें प्रताड़ित करते हुए आग की भट्टी में फेंक दिया गया था। इस घटना की दूसरी बरसी के दौरान मिचेल चौधरी ने फिदेस समाचार को बतलाया कि वे दो निर्दोष आज भी हमारे हृदय में निवास करते हैं जिन्हें अनियंत्रित भीड़ की क्रोध का शिकार होना पड़ा। वह दुर्भाग्य पूर्ण दिन हमारे जेहन में वर्षों तक रहेगा। उस दहकती आज में हमारे समाज ने मानवता के साथ, कुरान की शिक्षा और अलि जिन्ना भी जला डाली। कोई भी रकम इस घिनौने कार्य को परिशुद्ध नहीं कर सकता है।
मृत दम्पति के तीन बच्चों की देखरेख सिसिल चौधरी और आरिस फाऊंडेशन के द्वारा किया जा रहा है।
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