2016-11-08 12:54:00

मानव तस्करी के विरुद्ध चेतना जागरण की ज़रूरत, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 8 नवम्बर 2016 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि मानव तस्करी जैसे अभिशाप के विरुद्ध चेतना जागृत की जाना नितान्त आवश्यक है। मानव तस्करी एवं शोषण के विरुद्ध काम करनेवाले यूरोप के काथलिक धर्मसमाजियों के नेटवर्क “रेनाते” को रविवार को सम्बोधित शब्दों में सन्त पापा ने यह बात कही।

अपनी दूसरी यूरोपीय आम सभा के लिये उक्त दल इस समय रोम में है। इस वर्ष आम सभा का विषय है: “मानव तस्करी को समाप्त करना हमसे शुरु होता है”।

अपने सम्बोधन में सन्त पापा ने कहा कि मनुष्यों का व्यापार आधुनिक जगत की दासता है जो ईश्वर द्वारा प्रदत्त मानव प्रतिष्ठा का उल्लंघन करती है। यह मानवता के विरुद्ध घोर अपराध है। उन्होंने कहा कि मानव तस्करी को समाप्त करने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाये गये हैं किन्तु अभी भी बहुत कुछ करना शेष है।

इस विषय पर जनचेतना जागृत किये जाने का सन्त पापा ने आह्वान किया तथा इस अभिशाप को समाप्त करने के लिये सरकारों, न्यायिक निकायों, कानून लागू करने के लिये ज़िम्मेदार अधिकारियों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच सहयोग एवं समन्वय को आवश्यक निरूपित किया।  

सन्त पापा ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि प्रायः परामर्श, शिक्षा और सहयोग की कमी तथा हमारी उदासीनता की वजह से और दूसरी ओर केवल आर्थिक लाभ पर ध्यान देने से ऐसे अपराध एवं अभिशाप पोषित होते हैं इसलिये चेतना जागरण के कार्य को सघन करना अनिवार्य है।

उन सब लोगों के प्रति सन्त पापा ने धन्यवाद ज्ञापित किया जो लोगों के घावों को भरने तथा उन्हें समाज में प्रतिष्ठापूर्ण जगह दिलवाने के लिये प्रयत्नरत हैं।

(Juliet Genevive Christopher)








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