2016-10-14 16:24:00

विश्व दृष्टि दिवस पर नेत्रदान को प्रोत्साहन देने हेतु भारत में जुलूस का आयोजन


मुम्बई, शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2016 (एशियान्यूज़): विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर तथा नेत्रदान अभियान को बढ़ावा देने हेतु भारत के 55 विभिन्न शहरों ने बैंगलोर के काथलिकों द्वारा आयोजित देश व्यापी जुलूस में भाग लिया।

″विश्व नेत्रहीन जुलूस″ का आयोजन नेत्रहीनों के लिए नेत्रदान को प्रोत्साहन देने हेतु किया गया था क्योंकि भारत में इसकी बहुत अधिक मांग हैं।

संत पापा फ्राँसिस ने कार्डिनल परोलिन द्वारा लिखे पत्र में इस अभियान के प्रति समर्थन की अभिव्यक्ति की थी।

सन् 2013 में काथलिक पुरोहित फा. जॉर्ज कान्नानथानाम ने कॉर्निया दान अभियान की शुरूआत की है जिन्होंने 12 सालों तक कुष्ठ रोग और एचआईवी जैसी बीमारियों के कारण दृष्टि खोये हुए लोगों अथवा जन्म से अंधे लोगों के बीच काम किया है।

एशियान्यूज़ को बताते हुए उन्होंने कहा कि यह विचार उनके मन में, संत पापा फ्राँसिस के आह्वान ″बाहर जाओ, जहाँ अंधे देखने के लिए आपका इंतजार कर रहे हैं″ द्वारा आया। फा. जॉर्ज के अनुसार संत पापा की शक्तिशाली और एक नबी के समान आवाज व्यर्थ नहीं गयी।

विश्वभर में करीब 39 लाख लोग आँख की बीमारी से परेशान हैं जिनमें से 15 लाख लोग भारतीय हैं। शारीरिक, सामाजिक, मानसिक तथा आर्थिक चुनौतियों के कारण उनकी स्थिति सचमुच दयनीय है क्योंकि अक्षम लोग अपने आप से कुछ नहीं कर सकते और उन्हें दूसरों पर ही निर्भर रहना पड़ता है।  

यद्यपि मांग बहुत ज्यादा है तथापि नेत्रदान करनेवालों की संख्या देश में कम है। कुल 750 नेत्र बैंक हैं जिनमें हर साल 1,40,000 लोगों को कार्निया प्रतिरोपन की आवश्यकता होती है किन्तु गत साल मात्र 53,000 नेत्रदान किये गये थे। बाकी 90,000 रोगी इंतजार करने वालों की कतार में हैं खुशी की बात है कि प्रतिरोपन किये गये लोगों में से 20 प्रतिशत लोग पुनः देख सकते हैं।

फा. जॉर्ज ने कहा, ″हमारा उद्देश्य है नेत्रहीनों एवं दान कर्ताओं के बीच सेतु का निर्माण करना। 








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