2016-10-06 16:54:00

संत पापा एवं अंगलिकन महाधर्माध्यक्ष ने संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किया


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 6 अक्टूबर 2016 (वीआर सेदोक): काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरू संत पापा फ्राँसिस एवं कैंटरबरी के अंगलिकन महाधर्माध्यक्ष जस्टिन वेलबे ने संत पापा पौल छटवें एवं अंगलिकन कलीसियाई समुदाय के महाधर्माध्यक्ष माईकेल रामसे की मुलाकात की 50वीं वर्षगाँठ पर वाटिकन में मुलाकात की।

ज्ञात हो कि 50 वर्षों पूर्व रोम में अंगलिकन केंद्र की भी स्थापना की गयी थी।

मुलाकात के दौरान दोनों धर्मगुरूओं ने एक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किया जिसमें लिखा था कि ख्रीस्तीय एकतावर्धक वार्ता की प्रेरिताई के तहत जो लोग समाज में हाशिए पर जीवन यापन कर रहे हैं, उनके लिए सुसमाचार के आनन्द एवं विश्वास का साक्ष्य देने हेतु काथलिक एवं अंगलिकन एक साथ आगे बढ़ेंगे। 

संत पापा फ्राँसिस एवं महाधर्माध्यक्ष वेलबे रोम के संत अन्ड्रू गिरजाघर गये जो कैलियन पहाड़ी पर स्थित है जहाँ उन्होंने संध्या प्रार्थना की एवं घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर की विधि पूरी की।

संत पापा ने प्रवचन में कहा, ″यह प्रेरिताई में कठिनाईयों एवं आनन्द को बांटना है ताकि हम पुनः एक-दूसरे के करीब आ सकें। नया रास्ता खोलने हेतु यात्रा में, ईश्वर आपको साहसी एवं सच्चे ख्रीस्तीय एकतावर्धक वार्ता के प्रवर्तक बनाये।″

उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी बुलाहट है जिसके तहत समुदाय एवं सभी जगह सदा एक साधन के रूप में काम करना है। जिसका अर्थ है कि काम के साथ-साथ ख्रीस्तीय एकता को भी बढ़ावा देना क्योंकि ये दोनों क्षेत्र एक-दूसरे के विपक्ष नहीं हैं किन्तु एक-दूसरे को समृद्ध बनाते हैं। येसु के शिष्यों के रूप में हम अपनी सेवा एक साथ देते हैं, हर खुलापन एवं मुलाकात में हम अपने आप में बंद रहने के प्रलोभन से बाहर निकलते हैं। जब हम ख्रीस्तीय एकता को प्रोत्साहन देते हैं हम मानव परिवार को भी प्रोत्साहन देते हैं। परम्पराओं में भिन्नता होने के बावजूद हम एक-दूसरे को भाई की तरह देखते हैं क्योंकि हम एक ही सुसमाचार से प्रेरणा प्राप्त करते हैं तथा विश्व में एक ही प्रेरिताई के लिए बुलाये गये हैं।

संत पापा पौल षष्ठम एवं महाधर्माध्यक्ष रामसे के बीच मुलाकात पर गौर करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने संयुक्त घोषणापत्र के बारे कहा कि पच्चास साल बाद अंगलिकन रोमन काथलिक अंतरराष्ट्रीय आयोग को हम उसकी उपलब्धि के लिए धन्यवाद देते हैं। जिसने आपसी सम्मान और उदारता की एक ताजा परिप्रेक्ष्य में ऐतिहासिक दृष्टि से विभाजनकारी सिद्धांतों की जाँच की है।

संत पापा ने कहा कि दोनों के बीच जो भी विभाजन हैं, ख्रीस्त में हमारे बपतिस्मा के कारण वे हमें एक-दूसरे को भाई-बहन मानने से रोक नहीं सकते, न ही वे हमें एक साथ प्रार्थना करने में बाधा पहुँचा सकते हैं। हम न सिर्फ एक साथ प्रार्थना कर सकते हैं किन्तु अपने विश्वास एवं ख्रीस्त के सुसमाचार के आनन्द को भी प्रकट कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सब कुछ के लिए समय निर्धारित होता है तथा अभी ही वह समय है जब प्रभु हमें चुनौती दे रहे हैं एक विशेष बुलाहट कि शांति के प्यासे लोगों के बीच करुणावान प्रेम लाने हेतु हम अपने आप से एवं अपने क्षेत्र से बाहर निकलें।








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