2016-09-26 16:54:00

‘कपल फोर ख्राईस्ट’ आंदोलन का प्रभाव उड़ीसा में


भुनेश्वर, सोमवार, 26 सितम्बर 2016 (ऊकान): उड़ीसा के आदिवासी समुदाय के काथलिक अपने परिवारों एवं विश्वास को मजबूत करने हेतु ″कपल फोर ख्राईस्ट″ यानी ख्रीस्त के लिए दम्पति आंदोलन से प्रेरणा ले रहे हैं।   

वाटिकन द्वारा अनुमोदित लोकधर्मी अंदोलन ‘कपल फोर ख्राईस्ट’ ने अपनी एक ईकाई उड़ीसा के कटक भुनेश्वर महाधर्मप्रांत में 2013 में शुरू किया है।

भारत में अभियान के संचालक हेक्टर पोप्पेन ने कहा, ″अधिकतर पल्ली जिन्होंने दम्पतियों में अंतर देखा है वे अपने पल्लियों में भी ईकाई का निर्माण कर रहे हैं।″  

पोप्पेन ने अपनी पत्नी तथा फिलीपींस से आये एक दल के साथ 13 से 18 सितम्बर तक एक सेमिनार का नेतृत्व किया था जिसका उद्देश्य था परिवारों का नवीनीकरण एवं ग़रीबों की देखभाल।

ऊका समाचार के अनुसार कंधमाल जिले में भी यह अभियान शुरू किया गया है जहाँ महाधर्मप्रांत के करीब 50,000 काथलिकों के 70 प्रतिशत विश्वासी निवास करते हैं। यहाँ अधिकर लोग आदिवासी हैं तथा जीविका के लिए खेती बारी पर निर्भर करते हैं। 

‘कपल फोर ख्राईस्ट’ अंदोलन इस क्षेत्र में ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा के पाँच साल बाद आया जिसमें 100 लोगों को मार डाला गया था तथा हज़ारों विस्थापित हो गये थे।

आध्यात्मिक साधना में भाग लेने वालों में से एक सुचिता टोप्पो ने कहा कि आंदोलन ने उसके वैवाहिक जीवन में एकता बनाये रखने तथा उत्तरदायित्व को नवीकृत एवं मजबूत करने के लिए उसे मदद पहुँचायी है।

उड़ीसा में आंदोलन की सदस्य ए. तिरकी ने कहा कि कपल फोर ख्राईस्ट ने उन्हें यह जानने में मदद की है कि ख्रीस्त ही परिवार के शीर्ष हैं तथा जीवन में आशीर्वाद सिर्फ ख्रीस्त से मिल सकता है। 

आंदोलन के एक अन्य सदस्य डेनजिल डी कूनहा ने कहा कि आध्यात्मिक साधना एवं अन्य कार्यक्रम हमारे ″जीवन में महान परिवर्तन″ लाते हैं। यह हमें महसूस कराता है कि पारिवारिक जीवन ईश्वर के साथ गहरे संबंध पर स्थापित होना चाहिए।″

कपल फोर ख्राईस्ट, आध्यात्मिक साधना के साथ-साथ, पारिवारिक प्रार्थना तथा मासिक प्रार्थना सभा का भी नेतृत्व करता है। इसकी शुरूआत मनिला में सन् 1981 ई. में हुई है जो दम्पतियों के द्वारा काथलिक पल्लियों में नवीनीकरण पर जोर देता है। आंदोलन भारत के साथ 100 अन्य देशों में कार्यरत है। 








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