2016-09-21 15:06:00

संत पापा फ्राँसिस दुनिया की नैतिक विवेक रक्षक हैं : सुधीन्द्र कुलकर्णी


असीसी नगर, बुधवार, 21 सितम्बर 2016 (सेदोक): असीसी नगर में आयोजित शांति हेतु अंतर-धार्मिक विश्व प्रार्थना सभा में भारत के सुधीन्द्र कुलकर्णी ने भाग लिया। उन्होंने "आतंकवाद ईश्वर को इनकार करता है",   पैनल चर्चा में अपना विशेष योगदान दिया।

सुधीन्द्र कुलकर्णी हिन्दू हैं वे लेखक और समाज कार्यकर्ता हैं वे प्रेक्षक बुनियाद अनुसंधान के अध्यक्ष हैं और भारत पर आधारित स्वतंत्र विचार रखने वाले बुद्धिजीवी हैं।

 मंगलवार 20 सितम्बर को वाटिकन रेडियो के संवाददाता ख्रीस्टोफर से कुलकर्णी ने कहा कि शांति हेतु विश्व प्रार्थना दिवस का संदेश आज पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है।

उन्होंने असीसी में शांति हेतु विश्व प्रार्थना दिवस में अपनी भागीदारी के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा, “असीसी के संदेश सिर्फ असीसी के लिए नहीं है या सिर्फ इटली के लिए नहीं है या सिर्फ ख्रीस्तीयों के लिए नहीं है पर यह विश्वव्यापी है। असीसी के संत फ्राँसिस बड़े संतों में से एक हैं। भारत में हम उनका आदर करते हैं। और 30 साल पहले  असीसी में पहली बार के अंतर-धार्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। यह दुनिया भर में आपसी सद्भाव लाने हेतु एक मील का पत्थर था। 30 वी वर्षगांठ पर हम असीसी में एकत्रित हुए हैं यह हम भारतीयों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।” 

सन् 1986 में शांति हेतु पहली विश्व प्रार्थना दिवस के बाद से हुए प्रगति पर विचार करते हुए कहते हैं कि वैश्वीकरण के युग में आज सभी देशों, सभी संस्कृतियों, और सभी धार्मिक समुदायों में एक साथ रहने और मिलकर आगे बढ़ने की जागरूकता आयी है।

उन्होंने कहा, “दुनिया में बहुत सारी समस्याएँ हैं, कुछ नई समस्याएँ हैं। हमें अपने मतभेदों और विविधताओं का सम्मान करते हुए एक दूसरे के साथ रहने के लिए सीखना चाहिए।"

उन्होंने संत पापा फ्राँसिस के बारे में अपना अनुभव बताते हुए कहा कि  संत पापा फ्राँसिस एक तरफ तो विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के परम धर्मगुरु हैं दूसरी तरफ वे दुनिया की नैतिक विवेक रक्षक हैं। उनका संदेश पूरी मानवजाति के लिए है ।आज वे दुनिया की उन दुर्लभ आवाजों में से एक हैं जो हमें याद दिलाते हैं कि हमें दुनिया को बदलना है। हमें दुनिया को इस तरह बदलना है कि गरीबों को सम्मान, न्याय और सुरक्षा मिले। संत पापा विश्व के उन बड़े नेताओं में से एक हैं जिन्होंने प्रकृति संरक्षण के बारे में बहुत साहसपूर्वक बात किया है। वे सृष्टि रक्षक के रुप में जाने जाते हैं।








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