2016-09-07 15:16:00

सभी धर्मों के विश्वासियों ने संत तेरेसा को याद किया


ढाका, बुधवार, 7 सितम्बर 2016 (एशिया समाचार) : ढाका के  हिंदुओं, मुसलमानों और ख्रीस्तीयों ने मदर तेरेसा की स्मृति में आयोजित एक बैठक में भाग लिया तथा असाधारण कामों द्वारा ख्याति प्राप्त कोलकाता की संत को श्रद्धासुमन अर्पित की।

मदर तेरेसा की संत घोषणा की शाम को, ढाका के ख्रीस्तीय समुदाय केंद्र में करीब 500 लोग जमा हुए थे। येसु धर्मसमाजी पुरोहितों द्वारा संचालित युवा आंदोलन "माजिस बांग्ला" ने इस सभा का आयोजन किया था।  फादर प्रदीप पेरेज़ एस. जे. ने बैठक के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस सभा द्वारा युवाओं तक मदर तेरेसा के संदेश को पहुँचाना है ताकि वे उनकी सेवा के बारे में जानें और उनकी शिक्षाओं का आत्मसात करें।"

एक हिन्दू बिकाश रोय ने एशिया न्यूज से कहा, "मदर तेरेसा पूरी दुनिया के लिए आदर्श माँ थी। ऐसे समय में जब अजन्म बच्चे को गर्भ में ही मार दिया जाता था, उन्होंने सिखाया कि बच्चों को किस तरह से प्रेम किया जाता है। उन्हें संत घोषित करने के लिए हम संत पापा फ्राँसिस को धन्यवाद देते हैं।″

एक पूर्व सरकारी सलाहकार और लोकप्रिय शिक्षा अभियान के निदेशक रशेदा के. चौधरी ने कहा, "हम मदर तेरेसा की तरह नहीं बन सकते हैं लेकिन अगर हम चाहें, तो छोटे कार्यों को करते हुए उनकी शिक्षा का पालन कर सकते हैं।"

कारितास बांग्लादेश के कार्यकारी निदेशक फ्रांसिस अतुल सरकार ने कहा, "मदर एक सच्ची मिशनरी थीं। वे स्वतंत्रता संग्राम के बाद सन् 1972 में बांग्लादेश आई । वे एक बहुत ही साधारण साड़ी पहने हुए थी और उसपर रफ़ू भी था। उसी वक्त मैंने अनुभव किया कि एक मिशनरी का जीवन सरल होना चाहिए। मैंने उनकी बातों में विनम्रता और जरूरतमंद लोगों के लिए सम्मान तथा उनके काम करने की शैली को देखा"।

काथलिक कार्यकर्ता, संजीव ड्रोंग ने संत तेरेसा द्वारा कही बात को दुहराते हुए कहा,"आप लोगों को आंकते रहेंगे, तो उन्हें प्यार करने के लिए आपके पास कोई समय नहीं होगा।"

बांग्लादेश के देशज फोरम के महासचिव ने कहा, " स्थानीय लोगों के विकास हेतु एक कार्यकर्ता के रूप में मदर तेरेसा मेरे लिए एक प्रेरणा थीं।"








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