2016-09-07 16:01:00

मदर तेरेसा की संत घोषणा के दिन क्रूस को तोड़ा गया


मुंबई, बुधवार, 7 सितम्बर 2016 (ऊकान) : मुंबई में 4 सितंबर को एक सड़क के किनारे एक बड़ा क्रूस टूटा पाया गया। पश्चिमी भारतीय शहर में स्थानीय काथलिक नेताओं को शक है कि यह मदर तेरेसा के संत घोषणा से जुड़ा हुआ एक नफरत भरा कृत्य है। उन्होंने महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनावीस का ध्यान इस घटना पर लाने हेतु एक पत्र भेजा।

उस पत्र में उन्होंने लिखा, "सांप्रदायिक तत्व ईसाई समुदाय के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं," कारण हो सकता है कि मदर तेरेसा की संत घोषणा के "कुछ तत्वों को अच्छी तरह से नहीं लिया गया है।"

एक स्थानीय अधिकार समूह प्रहरी फाउंडेशन के निकोलस अल्मीडा ने बताया कि पुलिस स्थल पर पहुंची तथा सबूत का एक रिकॉर्ड बनाये बिना ही "टूटे टुकड़ों को उठा कर दूर ले गई" और अब वे बयान ले रहे हैं।

4 सितम्बर के रोम में संत पापा फ्राँसिस ने मदर तेरेसा को संत घोषित किया । यह घटना पूरे विश्व में अत्यधिक राजनीतिक और मीडिया प्रसार प्राप्त की थी और भारत के हिंदू राष्ट्रवादी संघीय सरकार ने एक प्रतिनिधिमंडल वेटिकन के समारोह में भाग लेने के लिए भेजा था।

लेकिन कई कट्टरपंथी समूहों ने सार्वजनिक रूप से धर्मबहन के कामों को धर्मपरिवर्तन का जरिया मानकर उनकी निंदा की है। उनके अनुसार, वे यूरोप और वाटिकन की प्रतिनिधि थीं जिन्हें ख्रीस्तीय धर्म का प्रसार करने के लिए भेजा गया था। हाल ही में, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के एक सदस्य सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मदर तेरेसा "भारत ख्रीस्तीयकरण" साजिश का हिस्सा थी।

स्थानीय काथलिक जोन डिसूजा ने कहा कि स्थानीय काथलिकों ने तोड़- फोड़ की घटना के बारे चिंता करना छोड़ दिया है क्योंकि वे अपने हिंदू पड़ोसियों के साथ सद्भाव से रहते हैं।

डिसूजा ने कहा, "ईश्वर ही जानता है कि यह किसने किया है और इसे तोड़ने से उन्हें क्या हासिल हुआ।"








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