2016-08-22 15:01:00

संत पापा का मुक्ति के द्वार पर संदेश


वाटिकन सिटी, सोमवार, 15 आगस्त 2016 (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में रविवारीय देवदूत प्रार्थना हेतु जमा सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को मुक्ति के विषयवस्तु पर अपना संदेश देते हेतु कहा

प्रिय भाइयो और बहनो, सुप्रभात

आज का सुसमाचार हमें मुक्ति के विषय में मनन करने हेतु निमत्रंण देता है। संत लुकस हमें बतलाते हैं कि येरुसलेम की राह में एक व्यक्ति येसु के पास आ कर उनसे पूछता है, “प्रभु क्या थोड़े ही लोग मुक्ति प्राप्त करेंगे?” (लूका.13.23) येसु उसे सीधे तौर पर उत्तर नहीं देते लेकिन वे अपनी वार्ता को सुझाव के रुप में उसके सामने प्रस्तुत करते हुए कहते हैं, “संकरे द्वार से प्रवेश करने की कोशिश करो, क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ बहुत से लोगों उसमें से होकर प्रवेश करना चाहेंगे लेकिन सफलता प्राप्त नहीं करेंगे।” द्वार के इस उदाहरण द्वारा येसु अपने सुनने वालों को यह नहीं कहते कि कितने लोग मुक्ति प्राप्त करेंगे, वे हम सबों को यह बतलाना चाहते हैं कि मुक्ति का मार्ग हमारे लिए कौन-सा है।

यह मार्ग हमें मुक्ति के द्वार की ओर ले चलता है और वह द्वार स्वयं प्रभु येसु ख्रीस्त हैं। वे हमें पिता से मिलने उनके पास ले कर चलते हैं जहां हम प्रेम, समझ और सुरक्षा का अनुभव करते हैं। क्यों यह द्वार संकरा है? यह द्वार हमें सताने वाला है अतः यह संकरा है ऐसी बात नहीं है लेकिन यह हमें अपने आप को नियंत्रण में रखने, हमें अपने घंमड और भय से मुक्त होने का आहृवान करता है। यह नम्रता और विश्वास में हमें अपने हृदय को ईश्वर हेतु खोलने का निमंत्रण देता है जहाँ हम अपने को पापी स्वीकारते और उनके पास क्षमा की याचना करने आते हैं। ईश्वर की करुणा का द्वार सदैव सभों के लिए खुला है। ईश्वर किसी के साथ पक्षपात नहीं करते वरन् बिना भेद-भाव किये सभों का अपने यहाँ स्वागत करते हैं। वे हमें अनंत मुक्ति प्रदान करते हैं जो सभी बाधाओं को तोड़ती और हमारे लिए आश्चर्य की ज्योति और शांति लेकर आती है।
येसु आज हमें और एक बार अपने पास आने का निमंत्रण देते हैं जिससे हम अपने जीवन में उनकी शांति और खुशी को प्राप्त कर सकें। वे हम से आशा करते हैं कि हम उनके पास आये और अपने पाप, अपनी किसी भी गलती हेतु उनसे क्षमा की याचना करें क्योंकि वे उसका हिसाब नहीं रखते अपितु सदैव हमें क्षमा प्रदान करने को तैयार रहते हैं। केवल वे ही हमारे हृदय को परिवर्तित कर सकते हैं। केवल वे ही हमें जीवन जीने का सार बतलाते हुए हमें सच्ची खुशी प्रदान कर सकते हैं। सुसमाचार के माध्यम विश्वास में येसु रूपी द्वार में प्रवेश करना हमें दुनिया के मनोभावों, बुराइयों और अपने स्वार्थ से ऊपर उठने में मदद करता है। जब हमारी मुलाकात प्रेम और ईश्वरीय दया से होती तो हम में सच्चा परिवर्तन होता है। हमारा जीवन पवित्र आत्मा की ज्योति से प्रकाशित हो जाता और यह कभी न बुझने वाली एक ज्योति बन जाती है।
येसु हमारी रक्षा करते और मुक्ति के द्वार में प्रवेश करने हेतु हमें बहुत से अवसर प्रदान करते हैं। यह द्वार एक अवसर है जिसे हमें नहीं खोना है। हम मुक्ति के इस मार्ग की शैक्षणिक व्याख्या नहीं कर सकते हैं जैसे कि वह व्यक्ति येसु के पास आकर उनसे प्रश्न करता है अपितु हमें मुक्ति के अवसर को कस कर पकड़ लेने की जरूरत है क्योंकि गृह स्वामी एक अनिश्चित समय में आकर अपने द्वार बंद कर देगा जैसा कि सुसमाचार हमें कहता है। लेकिन येसु अच्छे हैं जो हमें प्रेम करते हैं अतः वे अपना द्वार हमारे लिए खुला रखते हैं। हमारा जीवन वीडियों गेम की तरह नहीं है और न ही यह कोई धारावाहिक के समान है वरन् हमारा जीवन महत्वपूर्ण है और हमें अपने जीवन में महत्वपूर्ण उद्देश्य की प्राप्ति करना है जो कि अनंत जीवन है।
इतना कहने के बाद संत पापा ने माता मरियम की बिचवाई करते हुए कहा कि मरियम हमारे लिए स्वर्ग का द्वार हैं। वे हमें येसु के द्वारा दिये गये अवसर का सदुपयोग करने तथा उनके प्रेम को अपने जीवन में धारण करने में मदद करें क्योंकि यह प्रेम है जो हमें बचाता है। इस पृथ्वी पर प्रेम हमारी खुशी का कारण है विशेषकर उनके लिए जो नम्र, धैर्य और न्याय को अपने में धारण करते हुए खुद को क्षमा करते और स्वयं को उनके लिए देते हैं जो समाज में कमजोर हैं। इतना कहने के बाद संत पापा ने विश्वासियों और तीर्थयात्रियों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया और सबों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना का उपरान्त संत पापा ने सबों का अभिवादन करते हुए कहा, मैं रोम के तीर्थयात्रियों और विभिन्न देशों से विशेषकर पोलैण्ड, पुर्तगाल और उत्तरी अमरीका के परमधर्मपीठीय विद्यालय से आये आये आप सब विश्वासियों का अभिवादन करता हूँ। मैं मैंनफ्रेदोनिया के अति पवित्र मुक्तिदाता समुदाय, पोलेसिने के मोटर्रसाइकिल चालकों, देलियानोबा और वेरोना के विश्वासियों का जिन्होंने पैदल तीर्थयात्रा की है अभिवादन करता हूँ। अपने अभिवादन उपरान्त संत पापा ने अपने लिए प्रार्थना का निवेदन करते हुए सबों को रविवारीय मंगलकामनाएँ अर्पित की।








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