2016-08-22 16:16:00

छत्तीसगढ़ में ख्रीस्तीयों पर आक्रमण चिंता का विषय


रायपुर, सोमवार, 22 अगस्त 2016 (ऊकान): छत्तीसगढ़ में पुलिस के हिन्दू चरमपंथी दलों के दबाव में काम करने एवं ख्रीस्तीय समुदाय के सदस्यों पर बढ़ते हमलों के मद्देनजर, असुरक्षित महसूस कर रहे ख्रीस्तीयों ने काथलिक प्रतिनिधियों की एक उच्च स्तरीय सभा का आयोजन किया। 

सभा में धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, धर्मसमाजियों तथा लोकधर्मियों की एक प्रतिनिधि मंडल, छत्तीसगढ़ काथलिक कौंसिल ने ख्रीस्तीय समुदाय पर हुए हाल के आक्रमणों तथा गैरकानूनी कार्यों के प्रति गहरी चिंता व्यक्त की।

शुक्रवार को आयोजित सभा की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ″हम राज्य सरकार से अपील करते हैं कि इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वालों के प्रति कड़ा कदम अपनाये तथा ऐसी घटनाओं को रोके।″   

 विज्ञाप्ति में कहा गया कि विगत तीन सालों में हिन्दू चरमपंथियों ने कई पुरोहितों, धर्मबहनों तथा मिशनरियों पर आक्रमण किया है। एक काथलिक धर्मबहन के साथ बलत्कार तक भी किया गया। इस प्रकार के बढ़ते आक्रमण की घटनाओं ने समुदाय को बहुत अधिक चिंतित कर दिया है।

सभा में कहा गया कि चरमपंथी दल कानून को अपने हाथों में ले लेता है जिससे प्रशासन कमजोर हो जाता है। पुलिस भी अक्सर धर्मांतरण के गलत आरोपों में मिशनरियों को गिरफ्तार करती है।

सभा में रायपुर, रायगढ़, जशपुर, जबलपुर तथा अम्बीकापुर धर्मप्रांतों के धर्माध्यक्षों के साथ पुरोहितों, धर्मबहनों तथा राज्य के विभिन्न धर्मप्रांतों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

प्रेस विज्ञाप्ति में कहा गया कि आक्रमण पर पुलिस की भूमिका निष्पक्ष नहीं है क्योंकि ऐसा लगता है कि यह बहुधा चरमपंथियों के दबाव में काम करती है जो बिना उचित जाँच के केस दर्ज करती है।

ख्रीस्तीय समुदाय असुरक्षित महसूस करती है क्योंकि राज्य सरकार ने ऐसे मामलों के लिए अब तक कोई कड़ा कदम नहीं उठाया है और न ही ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए कोई निर्देश दिया है। इन सब के कारण हमलावरों का मनोबल ऊंचा हो रहा है।








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