2016-08-17 15:34:00

मानवता के लिए धन्य मदर तेरेसा का योगदान


कोलकाता, बुधवार 17 अगस्त 2016 ( एशिया समाचार) : मदर तेरेसा न केवल काथलिकों के लिए परंतु सभी मानव जाति के लिए एक विश्वव्यापी संदेश हैं। उनके दुशमनों द्वारा मिशन और दया के कामों का गलत अर्थ लगाने और उनका विरोध करने पर भी उन्होंने दया के कामों को करना कभी नहीं छोड़ा। संत पापा फ्राँसिस द्वारा 4 सितम्बर को, कोलकाता की मदर तेरेसा के संत घोषित करने की खुशी में उक्त बातें संत जेवियर महाविद्यालय, कोलकाता के प्राचार्य फादर फेलिक्स राज ने कही, जिन्हें मदर तेरेसा को करीब से जानने का अवसर मिला था।

उन्होंने कहा कि 2 सितम्बर को रोम के परमधर्मपीठीय उर्बान विश्वविद्यालय में, एशिया समाचार द्वारा , "मदर तेरेसा, एशिया और दुनिया के लिए दया की मूरत" पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजित करेगा।

संत पापा फ्राँसिस 4 सितम्बर 2016 को रोम के संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में कोलकाता की मदर तेरेसा को विश्वव्यापी कलीसिया की संत घोषित करेंगे। चूँकि मदर तेरेसा गरीबों और हाशिए पर जीने वाले लोगों के लिए ईश्वर की दया के प्रतीक हैं इसी दिन संत पापा ने दया के कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों के लिए जयंती समारोह निर्धारित किया है

उन्होंने कहा कि मदर तेरेसा की संत घोषणा उनके जीवन और मिशन पर गहन चिंतन करने का अवसर देता है। कोलकाता वासियों के लिए तो वे बहुत पहले से संत हैं तथा कोलकाता में वे उत्सव के गीत, करुणा के भजन हैं। कोलकाता शहर उनकी पवित्रता में चमकेगा।

धन्य मदर तेरेसा का विश्वव्यापी संदेश, व्यक्ति चाहे किसी भी धर्म को मानता हो या नास्तिक हो उसकी सेवा प्रेम से करना है। मदर का कहना था, “सभी कोई बड़े काम नहीं कर सकते हैं परंतु हम छोटे काम बड़े प्रेम से कर सकते हैं।"

फादर राज ने कहा कि जब कभी उन्होंने मदर को संत जेवियर महाविद्यालय में विद्यार्थियों और स्टाफ को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया, उन्होने कभी अस्वीकार नहीं किया। उनकी विशेष मुस्कान और विनम्रता के साथ उनकी उपस्थिति से वहाँ का माहौल प्रार्थनामय बन जाता था।








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