2016-06-13 16:29:00

भूख से लड़ें भूखों ने नहीं, कार्डिनल टर्कसन


वाटिकन सिटी, सोमवार, 13 जून 2016 (सेदोक) विश्व हेतु खाद्य कार्यक्रम के कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए न्याय और शांति हेतु गठित परमधर्मापीठ के अध्यक्ष कार्डिनल टर्कसन ने कहा कि आप भूख से लड़ें, भूखों से नहीं।

उन्होंने कहा कि भूख दुनिया का कड़वी सच्चाई है। हम इसका अनुभव करते हैं या इसके बारे में जानते हैं। हम यह भी जानते  हैं कि दुनिया मैं लाखों की संख्या में लोग हैं जिन्हें पर्याप्त रूप में शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक भोजन नहीं मिला रहा है। जब तब हम भूख से छुटकारा नहीं प्राप्त करते हम विश्व में शांति की कामना नहीं कर सकते हैं। हमें शांति तब तक नहीं मिलेगी जब तक कुछ लोग रोज दावत उड़ाते रहेंगे और दूसरे अपने दरवाज़ों पर भूखों पड़े रहेंगे क्योंकि हम सब एक सामान्य घर के निवासी हैं जो एक ही सामान्य मेज़ पर भोजन ग्रहण करते हैं।

कार्डिनल ने सबों का आहृवान करते हुए कहा कि हम सतत, पौष्टिक और भोजन की बचत हेतु कार्य करें। इसके लिए कई चीजों की जरूरत है। सर्वप्रथम हमें वैश्विक भूख जो अपने में मानवता की विषयवस्तु को समाहित करता, जिसके तहत भूख समानता की कमी के कारण आती है, यह संवेदनहीनता के कारण आती जहाँ हम अपने भाई-बहनों को अपनी तरह नहीं देखते हैं। अन्य मानवीय विषयों की तरह यह एक नौतिक विषयवस्तु भी है। यह हमारी मानवीय स्वतंत्रता को जीने का आहृवान करती है जहाँ हम लोगों के प्रति विचार विहीनता और उदासीनता से पेश आते हैं। यह हमारी स्वतंत्रता पर निर्भर करता है कि हम दूसरों के साथ कैसा पेश आते हैं।

पाँच रोटियों और दो मछलियों की चर्चा करते हुए कार्डिनल ने कहा कि यह पाँच हजार लोगों को खिलाने हेतु पर्याप्त था, और लोगों के खाने के बाद बची हुई चीजों से बराह टोकरे भर गये। जब भोजन यूख्रारीस्तीय बलिदान का अंग बनता, जब हम इसे ईश्वर के उपहार के रूप में देखते हैं जिसे येसु हमें बाँटने को देते हैं तो हमारा भ्रातृत्व प्रेम प्रमाणित होता है जो हमारे घरों को खुशी से भर देता है।








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