2016-05-31 11:56:00

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग द्वारा महिलाओं की पिटाई वाले विधेयक का खण्डन


लाहौर, मंगलवार, 31 मई 2016 (एशियान्यूज़): पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने इस्लामिक आयडियोलोजी काऊन्सल (आईआईसी) के उस प्रस्ताव की कड़ी निन्दा की है जिसमें हुक्म न सुनने वाली महिलाओं की पिटाई की बात कही गई है।

इस्लामिक आयडोलोजी काऊन्सल (आईआईसी) ने विगत सप्ताह यह प्रस्ताव रखा था जिस पर सब तरफ से विरोध हो रहा है तथा जिसकी सोशल मीडिया पर भी निन्दा की जा रही है।

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) के सदस्य महबूब अहमद ने एशिया न्यूज़ से कहा, "इस्लाम पत्नी की पिटाई की अनुमति कभी नहीं देता है। शारीरिक दंड की इस्लाम धर्म में निंदा की गई है।" उन्होंने कहा, "यह धारणा कि एक औरत की पिटाई कुरान के अनुसार है यह केवल इस्लामिक आयडोलोजी काऊन्सल (आईआईसी) द्वारा की गई व्याख्या है।" उन्होंने कहा, "महिलाओं के विरुद्ध हिंसा मानवता के खिलाफ है। पुरुषों और महिलाओं के समान अधिकार हैं तथा महिलाओं के खिलाफ भेदभाव बदतर परिणामों की ओर ले जायेगा।"

इसके अलावा, महबूब अहमद ने कहा, "पाकिस्तान के संविधान के आधार पर, इस्लामिक आयडोलोजी काऊन्सल (आईआईसी) को विधेयक के प्रस्ताव का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि यह दायित्व पाकिस्तान के संसद का है। काऊन्सल केवल सुझाव रख सकती है, नियमों का सुझाव नहीं दे सकती।"   

1962 में स्थापित, आईसीसी एक सलाहकार निकाय है जिसका काम कानूनों का परीक्षण कर यह देखना है कि वे शरीयत के अनुरूप हैं या नहीं। पंजाब प्रांतीय विधानसभा इस समय महिलाओं पर एक नये विधेयक की चर्चा कर रही है इसी सिलसिले में इस्लामिक आयडियोलोजी काऊन्सल (आईआईसी) का यह प्रस्ताव आया था। हालांकि, यह प्रस्ताव फरवरी माह में पंजाब प्रांतीय विधानसभा द्वारा पारित महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर पंजाब संरक्षण अधिनियम के विरुद्ध है।








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