2016-05-31 11:49:00

भारत में अफ्रीकी लोगों पर आक्रमण की धर्माध्यक्षों ने की निन्दा


नई दिल्ली, मंगलवार, 31 मई 2016 (ऊका समाचार): नई दिल्ली में अफ्रीकियों के विरुद्ध हमलों की भारत के काथलिक धर्माध्यक्षों ने निन्दा की है और कहा है कि यह एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति है जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ है।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के महासचिव धर्माध्यक्ष थेओडोर मैसकरेनस ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "अफ्रीका और किसी भी देश के नागरिक हमारे सम्मानित अतिथि हैं। उनके साथ हमारी संस्कृति के अनुसार ही व्यवहार किया जाना चाहिये।"

यह कहकर कि भारतीय लोग "अतिथि देवोभाव" में विश्वास करते हैं उन्होंने लोगों से अपील की कि वे शांति एवं भाईचारा बनाये रखने का प्रयास करें।

20 मई को नई दिल्ली में एक ऑटो रिक्शा पर हुए वाद-विदाद के बाद फ्रेंच भाषा के अध्यापक 29 वर्षीय मसौंदा ओलिवर की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। इसकी प्रतिक्रिया में कॉन्गो में रहनेवाले भारतीयों की कुछेक दूकानों को आग के हवाले कर दिया गया था।

इसके बाद 28 मई को नई दिल्ली में सात अफ्रीकी पुरुषों एवं महिलाओं पर हमला किया गया था। हिंसा के शिकार बने लोगों ने पुलिस को बताया कि उन्हें बल्लों एवं लाठियों से पीटा गया तथा उनके विरुद्ध नस्लगत नारे लगाये गये। पुलिस ने कहा है कि घटना का नस्लवाद से सरोकार नहीं है।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के श्रम कार्यालय के सचिव फादर जेसन वाड्डासरी ने कहा कि भारतीय सरकार को इन लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित्त करना चाहिये तथा अपराधियों को दण्डित करना चाहिये।

इसी बीच, समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, गोवा के पर्यटन मंत्री दिलीप पारुलेकर ने दिल्ली में अफ़्रीक़ी मूल के लोगों पर कथित नस्लीय हमले के बारे में पूछे जाने पर पत्रकारों से कहा कि नाइजीरियाई लोगों को वापस भेजने के लिए कड़ा कानून बनाया जाना चाहिये। उनका कहना था  कि नाइजीरिया के लोग भारत में कानून के खि़लाफ़ काम करते हैं और ड्रग्स तथा आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहते हैं।








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