2016-03-17 14:45:00

उड़ीसा में 30 अगस्त को मनाया जाएगा "शहीद दिवस"


भुवनेश्वर, बृहस्तपतिवार 17 मार्च 2016 (फीदेस) उड़ीसा की कलीसिया ने हर वर्ष 30 अगस्त को सन 2008 में हुए ईसाई-विरोधी नरसंहार के शिकार 101 से ज्यादा लोगों की स्मृति में "शहीद दिवस" मनाने का निर्णय लिया। उड़ीसा के क्षेत्रीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा निर्धारित यह दिवस संत योहन बप्तिस्ता की शहादत के बाद का दिन है।

उड़ीसा के क्षेत्रीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष और कटक-भुनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष जोन बारवा ने फीदेस को बताया, "इस निर्णय से हम खुश हैं कि सन 2007 और 2008 में हुए ईसाई-विरोधी नरसंहार में शहीद 101 से ज्यादा लोगों के प्रति सम्मान प्रकट कर सकते हैं इसमें ज्यादातर पीड़ित कंधमाल जिले के हैं"।

उड़ीसा के क्षेत्रीय धर्माध्यक्षीय सभा ने आधिकारिक तौर पर भारतीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन को उड़ीसा के शहीदों की स्मृति में 30 अगस्त को "राष्ट्रीय दिवस" घोषित करने का निवेदन किया है। महाधर्माध्यक्ष जोन बारवा ने कहा, "हम सीबीसीआई के फैसले का इंतजार कर रहे हैं इसकी स्वीकृति मिलने का हमें पूर्ण विश्वास है।" उन्होंने हाल में बैंगलोर में आयोजित सीबीसीआई की आम सभा में उड़ीसा के शहीदों की कहानी पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया था। उसके इस पहल को अनेक धर्माध्यक्षों ने समर्थन दिया और कई धर्माध्यक्षों ने अधिक जानकारी हेतु उत्सुकता दिखाई।

उड़ीसा के क्षेत्रीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने उड़ीसा के 101 ईसाइयों की हत्या संबंधी दस्तावेज़ तैयार करने के लिए पुरोहितों और शोधकर्ताओं की एक विशेष टीम नियुक्त किया है।

धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के समर्थन पर, कटक-भुवनेश्वर धर्मप्रांत शहादत की घोषणा हेतु धर्मप्रांतीय स्तर पर प्रक्रिया शुरु करने के लिए एक "अनुबंधक" नियुक्त करना चाहती है।

उड़ीसा के स्थानीय काथलिकों ने धर्माध्यक्षों द्वारा 30 अगस्त को “ शहीद दिवस ” मनाने के निर्णय का सहर्ष स्वागत किया है। 








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