2016-02-12 12:17:00

मेक्सिको व क्यूबा में सन्त पापा फ्राँसिस की यात्रा की पृष्ठभूमि


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 12 फरवरी 2016 (सेदोक): काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस शुक्रवार 12 फरवरी को, रोम के फ्यूमीचीनो अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से, रोम समयानुसार प्रातः साढ़े सात बजे, मेक्सिको एवं क्यूबा में अपनी 06 दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के लिये से रवाना हो गये।

मेक्सिको में सन्त पापा फ्राँसिस की यह पहली तथा इटली से बाहर 12 वीँ प्रेरितिक यात्रा है। उत्तर में संयुक्त राज्य अमरीका, दक्षिण पूर्व में बेलीज़ एवं ग्वाटेमाला की सीमाओं से संलग्न तथा पूर्व में अटलांटिक महासागर तथा पश्चिम में प्रशान्त महासागर से घिरे मेक्सिको की कुल आबादी 11 करोड़, 97 लाख, 13,000 है जिनमें 92 प्रतिशत काथलिक धर्मानुयायी, पाँच प्रतिशत प्रॉटेस्टेन्ट ख्रीस्तीय तथा तीन प्रतिशत लोग नास्तिक हैं। मेक्सिको सिटी राष्ट्र की राजधानी है जिसकी आबादी एक करोड़ 90 लाख है। राष्ट्र की आधिकारिक भाषा स्पानी है किन्तु नाहुआताल, माया तथा मिक्सतेको बोलियाँ भी प्रचलित हैं।

अपनी 06 दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के दौरान सन्त पापा फ्राँसिस मेक्सिको सिटी के अतिरिक्त उन शहरों का दौरा कर रहे हैं जिन्हें पूर्व सन्त पापाओं जॉन पौल द्वितीय तथा बेनेडिक्ट 16 वें की मेज़बानी का अवसर नहीं मिला था, उदाहरणार्थ, 14 फरवरी को सन्त पापा मेक्सिको सिटी के बाहर स्थित एकातेपेक धर्मप्रान्त में रविवारीय ख्रीस्तयाग अर्पित करेंगे। "एकातेपेक" का अर्थ है "तूफानी पहाड़ी"। यह मेक्सिको का एक आदिवासी नगर है जहाँ रात्रि का तापमान बहुत ठण्डा होता है। वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने पत्रकारों को बताया था कि एकातेपेक में ठण्ड की वजह से रविवारीय ख्रीस्तयाग समारोह एक घण्टे विलम्ब से शुरु होगा ताकि अधिकाधिक लोग इस  समारोह में शामिल हो सकें।

श्रोताओ, शुक्रवार को इतिहास के प्रथम लातीनी अमरीकी काथलिक परमाध्यक्ष मेक्सिको में अपनी प्रथम प्रेरितिक यात्रा के लिये रवाना हुए हैं जहाँ वे लातीनी अमरीका के सर्वाधिक हिंसक, निर्धनता -पीड़ित एवं परिधीय स्थानों का दौरा करेंगे। मादक पदार्थों से सम्बन्धित हिंसा, मानव तस्करी तथा भेदभाव के शिकार बने लोगों को वे आशा एवं एकात्मता का सन्देश प्रदान करेंगे।

लगभग चार दशकों पूर्व सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने मेक्सिको की यात्रा कर अपनी परमाध्यक्षीय कालीन प्रेरितिक यात्राओं का सिलसिला आरम्भ किया था, सन्त पापा फ्राँसिस भी गवादालूपे के मरियम तीर्थ पर श्रद्धा अर्पित कर मेक्सिको में अपनी 06 दिवसीय यात्रा आरम्भ करेंगे।

विश्व के सर्वाधिक विशाल स्पानी भाषी काथलिक देश मेक्सिको में सन्त पापा फ्राँसिस की प्रेरितिक  यात्रा की पाँच प्रमुख बातों को जान लेना हमारे लिये हितकर होगा।

सर्वप्रथम, मेक्सिको पहुंचने से पूर्व सन्त पापा फ्राँसिस क्यूबा में पड़ाव कर रहे हैं। वैसे तो सन्त पापा फ्राँसिस अपनी सहजता तथा अन्तिम क्षण में अपने कार्क्रम को बदलने अथवा कुछ घोषणा करने के लिये विख्यात हैं किन्तु पाँच फरवरी को जब वाटिकन ने घोषित किया कि मेक्सिको की यात्रा पर जाते समय सन्त पापा क्यूबा में पड़ाव करेंगे तब सम्पूर्ण विश्व के मीडिया में हलचल मच गई। क्यूबा का पड़ाव अर्थगर्भित है इसलिये कि इतिहास में पहली बार विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष एवं रूसी ऑरथोडोक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष मुलाकात कर रहे हैं। वाटिकन इस मुलाकात को ख्रीस्तीय धर्म में लगभग 1000 वर्ष पूर्व पड़ी दरार को भरने हेतु ऐतिहासिक कदम मानता है।

पाँच फरवरी को वाटिकन द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि दीर्घ कालीन तैयारी के उपरान्त काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस तथा रूसी ऑरथोडोक्स कलीसिया के शीर्ष प्राधिधर्माध्यक्ष किरिल के बीच मुलाकात तय की गई है जो इतिहास में ऐसी पहली मुलाकात है तथा दोनों कलीसियाओं के बीच सम्बन्धों के लिये एक महत्वपूर्ण चरण सिद्ध होगी।

सन्त पापा फ्राँसिस की मेक्सिको प्रेरितिक यात्रा का दूसरा महत्वपूर्ण तथ्य यह कि इस यात्रा के दौरान वे मादक पदार्थों की तस्करी तथा भ्रष्टाचार जैसी बुराइयों की निन्दा करेंगे जिनके शिकार निर्दोष नागरिक बने हैं। सिऊदाद स्वारेज नगर में सन्त पापा उन 43 छात्रों के परिजनों के लिये ख्रीस्तयाग अर्पित करेंगे जो 2014 से गुमशुदा हैं।

तृतीय, महत्वपूर्ण तथ्य है मेक्सिको में राज्य एवं कलीसिया के बीच सम्बन्ध। सन्त पापा फ्राँसिस ने देश के काथलिक धर्माध्यक्षों से निवेदन किया है कि वे भ्रष्टाचार एवं संघटित अपराध की निन्दा करने से कभी न चूकें। "फामिलिया ख्रीस्तियाना" इताली साप्ताहिक को हाल ही में दी एक भेंटवार्ता में वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने कहा था, "भ्रष्टाचार की निन्दा करने के लिये हमें अपनी आवाज़ उठानी होगी और उससे भी अधिक कुछेक सत्ताधारी संरचनाओं एवं मादक पदार्थों की तस्करी में लगे अपराधी जगत के लोगों के बीच सम्बन्धों का पर्दाफाश करना होगा।"

सम्भवतः कार्डिनल महोदय कूटनैतिक ढंग से मेक्सिको की कलीसिया को सम्बोधित कर रहे थे। मेक्सिको के काथलिक धर्माध्यक्षों का कहना है कि भ्रष्टाचार की वजह से ही देश के धनी एवं निर्धन वर्ग के बीच की खाई गहरी होती चली गई है।

सन्त पापा फ्राँसिस की मेक्सिकी यात्रा का चौथा महत्वपूर्ण तथ्य यह कि वे देश की जनजातियों से मुलाकात कर उनके प्रति सम्मान का प्रदर्शन करेंगे। विगत वर्ष दक्षिण अमरीका में अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान उन्होंने जनजातियों के विरुद्ध काथलिकों द्वारा किये अपराधों के लिये क्षमा याचना की थी तथा इस बार मेक्सिकी जनजाति गढ़, चियापास, के लोगों की भेंट कर उनके लिये ख्रीस्तयाग अर्पित करेंगे।

मेक्सिको में सन्त पापा फ्राँसिस की 06 दिवसीय प्रेरितिक यात्रा का एक और प्रकाश स्तम्भ है यात्रा के अन्तिम दिन सिऊदाद स्वारेज़ नगर का दौरा। इस अवसर पर सन्त पापा "केरेसो" नामक बन्दीगृह में क़ैदियों से मुलाकात कर उन्हें आशीष देंगे। साथ ही मेक्सिको की उत्तरी सीमा पर उन युवाओं के लिये प्रार्थनाएं अर्पित करेंगे जो सीमा पार करते मृत्यु के शिकार हो गये थे। उनकी इस प्रार्थना में टेक्साक स्थित एल पासो का एक आप्रवासी दल भी शामिल होगा।

सन्त पापा फ्राँसिस ने मांग की है कि निर्धनता एवं दमन के कारण अपने देशों का पलायन करनेवाले आप्रवासियों एवं शरणार्थियों का स्वागत किया जाये। आप्रवासियों के प्रति यूरोप एवं संयुक्त राज्य अमरीका के धनी देशों की नकारात्मक प्रतिक्रियाओं की कड़ी निन्दा करते हुए उन्होंने इसे "उदासीनता के वैश्वीकरण" का नाम दिया है।








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