2016-02-03 12:11:00

एशिया टाईम्स से बातचीत में सन्त पापा फ्राँसिस ने की चीन की सराहना


वाटिकन सिटी, बुधवार, 3 फरवरी 2016 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने चीन को "महाशक्ति" घोषित कर कहा है कि विश्व को चीन की बढ़ती शक्ति से भयभीत नहीं होना चाहिये तथा "शांति का यथार्थ सन्तुलन सम्वाद से"  हासिल किया जा सकता है। 

हॉन्गकॉन्ग ऑनलाईन दैनिक एशिया टाईम्स को दी एक भेंटवार्ता में सन्त पापा फ्राँसिस ने चीन के प्रति सम्मान प्रदर्शित कर विश्व में उसकी महान भूमिका की सराहना की। इस भेंटवार्ता की प्रकाशना मंगलवार को चीन के नववर्ष के उपलक्ष्य में की गई थी।

भेंटवार्ता में सन्त पापा ने कहा, "मेरे लिये चीन सदा से ही महानता का सन्दर्भ बिन्दु रहा है।"  उन्होंने कहा, "चीन एक महान देश होने के साथ-साथ एक महान संस्कृति एवं अक्षय प्रज्ञा वाला देश है।"

चीन के नित्य बढ़ते प्रभाव से विश्व के समक्ष उत्पन्न चुनौती के विषय में पूछने पर सन्त पापा ने कहा कि विश्व को चीन की बढ़ती शक्ति से भय नहीं खाना चाहिये। उन्होंने कहा कि पश्चिमी जगत, पूर्वी जगत तथा चीन सभी के पास शांति के सन्तुलन को बनाये रखने की क्षमता है और यह सन्तुलन "सम्वाद" द्वारा हासिल किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, "सम्वाद से साक्षात्कार सम्भव होता है और शांति का यथार्थ सन्तुलन सम्वाद से  हासिल किया जा सकता है।"

सन्त पापा ने कहा कि उनकी दृष्टि में सम्वाद का अर्थ है दोनों पक्षों द्वारा एक दूसरे का सम्मान। उन्होंने कहा, "सम्वाद का यह अर्थ नहीं कि समझौते के साथ सम्वाद समाप्त हो जाये। सम्वाद का अर्थ है अपना दृष्टिकोण प्रकट करना, भले ही सामने वाला उससे सहमत न हो किन्तु उसके प्रति सम्मान अनिवार्य है।"

चीन द्वारा हाल ही में "एक सन्तान वाली चीनी नीति" में ढील दिये जाने पर भी सन्त पापा ने टीका की और कहा, "चीन के लिये सन्तान न होने की व्यथा बहुत कष्टकर रही होगी, क्योंकि इससे सूचीस्तम्भ उलट जाता है तथा एक बच्चे को अपने पिता, माता, नाना- नानी, दादा-दादी आदि सभी का बोझ उठाना पड़ता है जो बड़ा ही थकाऊ, कष्टकर एवं भ्रामक सिद्ध हो सकता है और यह स्वाभाविक नहीं है।"

चीन के लोगों को नववर्ष की शुभकामनाएँ अर्पित करते हुए सन्त पापा ने उनसे कहा कि वे अपने आप के साथ शांति में रहें क्योंकि प्रत्येक राष्ट्र के प्रत्येक व्यक्ति को अपने इतिहास के साथ संगति में रहना चाहिये। उन्होंने कहा कि अपने इतिहास के साथ सामंजस्य परिपक्वता एवं विकास को सम्भव बनाता है।








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