2015-11-29 14:00:00

संत पापा का यूगान्डा के पुरोहितों, धर्मसमाजियों और गुरुकुल छात्रों के नाम संदेश


वाटिकन सिटी, रविवार, 29 नवम्बर 2015 (सेदोक) संत पापा ने यूगान्डा की अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान पुरोहितों और धर्म समाजियों से मुलाकात कर उन्हें अपना संदेश दिया।

मैं आज तीन चीजों को आप के सामने रखना चहूँगा। पहली बात जो नबी मूसा विधि विवरण गंन्थ में लोगों को याद दिलाते हैं “आप न भूले”। इस बात को वे बार-बार दुहराते और कहते हैं की आप ईश्वर को न भूले जिसने आप के लिए महान कार्य किये हैं। आप याददाश्त की कृपा माँगें और जैसा मैंने युवाओ से कहा कि यूगान्डा के ख्रीस्तीयों का लहू शहीदों के लहू से घुला है इस बात को आप हमेशा याद रखें जिससे आप सदैव विकास करते जायें। भूलना हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है लेकिन यह सबसे खतरनाक नहीं है। शहादत का अर्थ है साक्ष्य देना है। यूगान्डा की कलीसिया को अपने पुरखों की यादों के प्रति निष्ठावान बने रहना है। यह कलीसिया का काम है जिसका बीड़ा आप को सौंपा गया है अतः आप साक्ष्य दें जैसे आपके पूर्वजों ने सुसमाचार का साक्ष्य अपने जीवन द्वारा दिया।

संत पापा ने कहा कि साक्ष्य हेतु दूसरी चीज जिसे मैं आप के सामने रखता हूँ वह है निष्ठावान बने रहने की आवश्यकता। निष्ठावान अपने पुरानी यादों के प्रति, निष्ठावान अपने बुलाहट के प्रति, निष्ठावान अपने प्रेरितिक जोश के प्रति। ईमानदारी का मतलब है पवित्रता के मार्ग में बढ़ते जाना और उन अच्छी चीजों का निष्पादन करना जिसे आप के पुरखों ने किया है। मैं सोचता हूँ कि यूगान्डा के कुछ धर्मप्रान्तों में पुरोहितों की संख्या अधिक है और कुछ में कम अतः आप ईमानदारपूर्वक अपने आप को धर्माध्यक्षों के सामने प्रस्तुत करें जिससे आप जरूरतमंद धर्मप्रान्तों में अपनी सेवा अर्पित कर सकें और यह सहज नहीं है। ईमानदारी का अर्थ हैं अपने धर्मसमाजी जीवन को सुरक्षित रखना। यहाँ मैं, विशेष रूप से, धन्यवाद देना चाहूँगा सिस्टर्स ऑफ चैरिटी होम को जिन्होंने, गरीबों, बीमारों और जरुरतमंद लोगों की सहायता ईमानदारी पूर्वक करते हुए ख्रीस्त की उपस्थिति का सच्चा उदाहरण प्रस्तुत किया है। यूगान्डा शहीदों के साक्ष्य रूपी खून से सराबोर है। हमें आज इसे सिंचित करते रहने की आवश्यकता है क्योंकि हमारे समाने नयी चुनौतियाँ, प्रमाण और प्रेरितिक कार्य भरे हैं, और यदि आप ऐसा नहीं करते तो आप अपनी सम्पति को खो देगें और “अफ्रीका की मोती” संग्रहालय में ही सीमित हो कर रह जायेगी। मैं ये बातें न केवल पुरोहितों के लिए अपितु आप सभी धर्मसमाजियों के लिए भी कह रहा हूँ क्योंकि शैतान धीरे-धीरे आक्रमण करता है। मैं उन सभी धर्मप्रान्तों के बारे में कहना चाहता हूँ जहाँ थोड़ी कठिनाइयाँ हैं, जहाँ अधिक पुरोहित हैं वे कम पुरोहितों वाले धर्मप्रान्त में जाकर अपनी सेवाएँ दें जिससे यूगान्डा में प्रेरितिक कार्य जारी रहें।

यादों का मतलब है निष्ठा और ईमानदारी जो केवल प्रार्थना के द्वारा ही संभव है। यदि एक धर्मसमाजी, धर्मबहन, पुरोहित यह कह कर कि कामों का अम्बार है कम प्रार्थना या प्रार्थना ही नहीं करता तो वह अपनी यादें और निष्ठा को खोने लगता है। प्रार्थना का अर्थ दीनता है जहाँ हम अपने पापों को स्वीकारते हैं। हम धर्मसमाजी दोहरी जिन्दगी नहीं जी सकते। यदि आप पापी हैं तो आप को अपने पापों के लिए क्षमा माँगने की आवश्यकता है। आप ईश्वर से अपनी ईमानदारी को न छिपायें।

यादें, यादों के प्रति हमारी निष्ठा और प्रार्थना। इन तीन स्तंभों के द्वारा अफ्रीका, “अफ्रीका की मोती” शब्दकोश में नहीं वरन् सही अर्थ में बनी रहेगी। शहीदों ने कलीसिया को शक्ति प्रदान की है वे हमेशा आपको आपकी यादों में, निष्ठा और प्रार्थना में बने रहने की सहायता प्रदान करें। 








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