बांगी, रविवार, 29 नवम्बर 2015 (वीआर सेदोक): अफ्रीकी देशों में अपनी प्रेरितिक यात्रा के अंतिम पड़ाव मध्य अफ्रीकी गणराज्य पहुँचने पर बांगी स्थित राष्ट्रपति भवन में वहाँ की राष्ट्रपति कैथरिन सामबा पानज़ा, सरकारी अधिकारियों, राजनायिकों तथा अन्य प्रतिनिधियों ने 29 नवम्बर को संत पापा फ्राँसिस का स्वागत किया।
इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को एकता, मानव प्रतिष्ठा तथा श्रम को केंद्र में रखकर कार्य करने का प्रोत्साहन दिया।
उन्होंने कहा, ″मध्य अफ्रीकी गणराज्य कठिनाईयों के बावजूद समाज में सामान्य एवं राजनीतिक जीवन में प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहा है। मैं अपने पूर्ववर्ती संत पापा जॉन पौल द्वितीय का अनुसरण करते हुए पहली बार शांति के तीर्थयात्री तथा आशा के प्रेरित के समान आया हूँ। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सभी अधिकारियों को मेरी यात्रा को सफल बनाने के प्रयास के लिए मैं तह दिल से धन्यवाद देता हूँ।″
संत पापा ने मध्य अफ्रीकी गणराज्य के आदर्शवाक्य एकता, प्रतिष्ठा, श्रम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये तीनों शब्द अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं जो देश के भाग्य को उज्ज्वल बनाने में अधिकारियों के लिए दिशासूचक यंत्र के समान हैं।
उन्होंने ‘एकता’ के संबंध में कहा कि यह लोगों के बीच सामंजस्य बनाये रखने का एक महान मूल्य है। यह पर्यावरण की विविधताओं, परायों, विदेशियों, अन्य जातियों, हमारे राजनीतिक दल से बाहर के लोगों तथा अन्य धर्मों के साथ बिना भय जीने पर आधारित है। एकता प्रत्येक व्यक्ति की समृद्ध क्षमता को एक साथ मिलाने की पहल को प्रोत्साहन देने हेतु प्रेरणा प्रदान करती है। यह चुनौतीपूर्ण है जिसके कारण यह रचनात्मकता, उदारता, आत्मत्याग एवं अन्यों के प्रति सम्मान की भावना की मांग करती है।
आदर्शवाक्य के दूसरे शब्द ‘प्रतिष्ठा’ पर चिंतन करते हुए संत पापा ने कहा कि यह ईमानदारी, वफादारी, दयालुता और सम्मान का दूसरा नाम है जो महिलाओं एवं पुरुषों को उनके कर्तव्यों एवं अधिकारों के प्रति सचेत करती है और अंततः आपसी सम्मान हेतु प्रेरित करती है। संत पापा ने कहा कि हरेक व्यक्ति की अपनी प्रतिष्ठा है अतः जो कुछ भी किया जाये वह मानव व्यक्ति की प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए किया जाये। हमारी मानव प्रतिष्ठा तभी व्यक्त होती है जब हम अपने सहचरों की प्रतिष्ठा के लिए कार्य करते हैं।
‘श्रम’ के संबंध में संत पापा ने कहा कि श्रम द्वारा ही अपने परिवारों के जीवन में सुधार लाया जा सकता है। माता-पिता का श्रम बच्चों के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है। मध्य अफ्रीकी गणराज्य के नागरिकों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि वे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग बुद्धिमानी से करने के द्वारा अपनी अनोखी भूमि में सुधार लायें। संत पापा ने विश्व पत्र ‘लाओदातो सी’ की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के उचित उपयोग, विकास की योजनाओं तथा विश्व को प्रभावित करने वाली परियोजनाओं में सभी लोगों की एक बड़ी जिम्मेदारी है।
संत पापा ने मध्य अफ्रीकी गणराज्य में कलीसिया के कार्यों की सराहना करते हुए कहा, ″इस भूमि में सुसमाचार प्रचार का इतिहास तथा सामाजिक राजनीतिक स्थिति पर कलीसिया एकता, प्रतिष्ठा तथा श्रम को प्रोत्साहन देने के प्रति समर्पित है। स्थानीय कलीसिया सार्वजनिक हित को बढ़ावा देती है, विशेषकर, शांति एवं मेल-मिलाप स्थापित करने में वह संलग्न है।″ उन्होंने आशा व्यक्त की कि काथलिक धर्माचार्य आध्यात्मिक प्रेरिताई को पूर्णता तक ले जाने में के लिए अथक प्रयास करते रहेंगे। उन्होंने सभी को प्रोत्साहन दिया कि वे मध्य अफ्रीकी गणराज्य के अधिकारियों के साथ एकात्मता बनाये रखें, समर्पण के प्रति वफादार रहें तथा समाज के विकास कार्यों में सहयोग दें जो देश को मेल-मिलाप, निरस्त्रीकरण, शांति-निर्माण, स्वास्थ्य सेवा तथा सभी स्तरों पर सुव्यवस्था स्थापित करने में मददगार होगा।
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